बैजाबाई महारानी  

बैजाबाई महारानी
पूरा नाम बैजाबाई महारानी
पति/पत्नी दौलतराव सिन्धिया
कर्म भूमि ग्वालियर
प्रसिद्धि ग्वालियर की महारानी
विशेष योगदान वाराणसी में भी 'सिन्धिया घाट' का निर्माण 1830 ई. में ग्वालियर महारानी बैजाबाई ने कराया।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी औरंगज़ेब द्वारा तुड़वाये गए 'विश्वनाथ मन्दिर' का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।

बैजाबाई महारानी दौलतराव सिन्धिया की पत्नी और ग्वालियर की महारानी थी। 1827 ई. में दौलतराव सिन्धिया की मृत्यु के बाद वह नाबालिग उत्तराधिकारी जनकोजीराव की संरक्षिका बनी थी।

  • बैजाबाई बड़ी महत्वाकांक्षी महिला थी और सारा राज्य प्रबन्ध अपने नियंत्रण में ही रखना चाहती थी।
  • उसकी नीतियों से राज्य प्रबन्धन में छल कपट और गड़बड़ी बहुत बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप 1833 ई. में उसको राज्य से निकाल दिया गया।
  • महारानी बैजाबाई के समय में कुछ अच्छे निर्माण कार्य हुए। औरंगज़ेब द्वारा तुड़वाये गए 'विश्वनाथ मन्दिर' का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।
  • भारत की प्रमुख धार्मिक नगरी वाराणसी में भी 'सिन्धिया घाट' का निर्माण 1830 ई. में ग्वालियर महारानी बैजाबाई ने कराया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=बैजाबाई_महारानी&oldid=529963" से लिया गया