शातवाहन राष्ट्र  

शातवाहन राष्ट्र (प्राकृत में 'सातहनिरट्ठ') का उल्लेख पल्लव नरेश शिवस्कंदवर्मन के 'हीरहदगल्ली' अभिलेख में हुआ है। यही शातवाहन नरेश सिरि पुलुमावि के एक अभिलेख में 'शातवाहनीहार' नाम से वर्णित है।[१]

  • डॉ. सुथंकर के अनुसार शातवाहनीहार में मैसूर राज्य के बेल्लारी ज़िले का अधिकांश भाग सम्मिलित था। संभवतः यही प्रदेश दक्षिण के सातवाहन नरेशों (प्रथम शती ई.) का मूल स्थान था।
  • कुछ वर्ष पूर्व 10वीं शती ई. के एक मंदिर के अवशेष इस स्थान से प्राप्त हुए थे। उत्खनन 'कोलकाता विश्वविद्यालय' के श्री निर्मल कुमार बोस तथा बल्लभविद्यानगर के श्री अमृत पंडया ने किया था।


इन्हें भी देखें: सातवाहन वंश, सातवाहन साम्राज्य एवं मैसूर


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 895 |

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