दशावतारचरित  

दशावतारचरित कश्मीर के महाकवि क्षेमेन्द्र द्वारा लिखा गया महाकाव्य है।

  • 'दशावतारचरित' क्षेमेन्द्र का उदात्त महाकाव्य है, जिसमें भगवान विष्णु के दसों अवतारों का बड़ा ही रमणीय तथा प्रांजल, सरस एवं मुंजुल काव्यात्मक वर्णन किया गया है।
  • औचित्य-विचार-चर्चा में क्षेमेन्द्र ने औचित्य को काव्य का मूलभूत तत्व माना है तथा उसकी प्रकृष्ट व्यापकता काव्य प्रत्येक अंग में दिखलाई है।
  • क्षेमेन्द्र के ग्रंथ 'समयमातृका' का रचना काल 1050 ई. तथा इनके अंतिम ग्रंथ 'दशावतारचरित' का निर्माण काल इनके ही लेखानुसार 1066 ई. है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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