गेंदबाज़ी  

गेंदबाज़ी करने का एक तरीका
A Bowling Action

क्रिकेट के खेल में गेंद फेंकने की कला या क्रिया को गेंदबाज़ी कहते हैं। गेंदबाज़ी करते समय गेंदबाज़ के किसी न किसी पैर का कुछ न कुछ अंग 'बॉलिंग क़्रीज़' के पीछे और 'रिटर्न क़्रीज़' के अन्दर होना चाहिए। यदि कोई गेंदबाज़ इन नियमों का उल्लघंन करता है तो उसे अम्पायर द्वारा 'नो बाल' का इशारा मिल जाता है और यदि वह गेंद को ऊँचाई या चौड़ाई में इतनी दूर फेंकता है कि अम्पायर की दृष्टि में वह गेंद बल्लेबाज़ की पहुँच से बाहर है तो उसे 'वाइड बाल' कहा जाता है। क्रिकेट में गेंदबाज़ी करने के भी अनेक तरीक़े हैं। जैसे–

  • फास्ट बॉलिंग (तेज़ गेंदबाज़ी)
  • मीडियम पेस बॉलिंग (मध्यम गति की गेंदबाज़ी)
  • स्पिन बॉलिंग (चक्करदार गेंदबाज़ी)

तेज़ गेंदबाज़ी

तेज गेंदबाज़ी को पेस बॉलिंग के नाम से भी जाना जाता है जो क्रिकेट के खेल में गेंदबाज़ी के दो प्रमुख प्रकारों में से एक है। दूसरा प्रकार है स्पिन गेंदबाज़ी। तेज़ गेंदबाज़ी करने वाले खिलाड़ियों को अक्सर तेज़ गेंदबाज़ (फास्ट बॉलर), फास्टमेन, पेस बॉलर, या पेसमेन कहा जाता है, हालांकि कभी कभी तेज़ गेंदबाज़ी की विशेष तकनीक का प्रयोग करने वाले गेंदबाज़ को स्विंग बॉलर या सीम बॉलर भी कहा जाता है। तेज़ गेंदबाज़ी का मुख्य उद्देश्य होता है क्रिकेट की सख्त गेंद को तेज़ गति के साथ डालना और इसे इतना वेग देना कि यह उछाल के साथ पिच पर बाउंस हो सके या हवा में होती हुई साइड से निकल जाये, ताकि बल्लेबाज़ के लिए गेंद को सफाई से हिट करना मुश्किल हो जाये। एक प्रारूपिक तेज़ गति से डाली गयी गेंद की गति 136 से 150 किलोमीटर/घंटा (85 से 95 मीटर प्रति घंटा) होती है।

मध्यम गति की गेंदबाज़ी

मध्यम गति की गेंदबाज़ी अथवा सीम गेंदबाज़ी में गेंद की सीम का उपयोग इस प्रकार से किया जाता है कि यह जब पिच पर टकराती है तो अप्रत्याशित रूप से बाउंस हो जाती है। एक अच्छा बल्लेबाज़ इस बात का पूर्वानुमान लगा लेता है कि गेंद कहां पर बाउंस होगी और इससे उसे इस बात का अंदाज़ा हो जाता है कि जब गेंद उस तक पहुंचेगी तब उसकी उंचाई क्या होगी। बाउंस में में बदलाव पैदा करके, गेंदबाज़ इस बात की संभावना उत्पन्न करता है कि बल्लेबाज़ अपने अनुमान में गलती कर बैठे और अपना विकेट खो दे। सीम डिलीवरी को किसी भी गति के साथ डाला जा सकता है, परन्तु सीम गेंद डालने वाले गेंदबाज़ मध्यम, मध्यम-तेज़ या तेज़-मध्यम गति से गेंद डालते हैं। इन गेंदबाज़ों मीडियम पेसर कहा जाता है। मध्यम-धीमी और धीमी-मध्यम श्रेणियों में अक्सर स्पिन गेंदबाज़ों को रखा जाता है, चूंकि तेज़ गेंदबाज़ी की तकनीक के साथ इस गति से डाली गयी गेंद, स्पिन होने के बजाय, अक्सर हिट करने के लिए बहुत आसान होती है।

स्पिन गेंदबाज़ी

अनिल कुम्बले

स्पिन गेंदबाज़ी में गेंदबाज़ गेंद को स्पिन कराता है। इस तरह की गेंदबाज़ी में गेंद टप्पा पड़ने के बाद एक तरह मुड़ती है और यदि बल्लेबाज़ समय से पहले न समझे तो उसे आउट करने में कामयाब हो जाती है। स्पिन गेंदबाज़ी भी दो प्रकार की होती है। जैसे -

ऑफ़ स्पिन

ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी में गेंद टप्पा पड़ने के बाद ऑफ़ स्टम्प से लेग स्टम्प की तरफ मुड़ती है। उदाहरण के तौर पर श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन, भारत के हरभजन सिंह विश्व क्रिकेट में प्रसिद्ध ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ हैं।

लेग स्पिन

लेग स्पिन गेंदबाज़ी में गेंद टप्पा पड़ने के बाद लेग स्टम्प से ऑफ़ स्टम्प की तरफ मुड़ती है। उदाहरण के तौर पर ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न, भारत के अनिल कुम्बले विश्व क्रिकेट में प्रसिद्ध लेग स्पिन गेंदबाज़ हैं।

गेंदबाज़ी औसत

गेंदबाज़ी औसत क्रिकेट के खेल में गेंदबाज़ी का एक महत्वपूर्ण आँकड़ा है जिसे गेंदबाज़ द्वारा दिये गये रनों को उसके खिलाड़ी द्वारा लिये गये विकेटों की संख्या से भाग देकर प्राप्त किया जाता है। गेंदबाज़ी औसत = खिलाड़ी द्वारा दिये गये रन / खिलाड़ी द्वारा लिये गये विकेट


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