पानकरस-रागासव-योजन कला
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विविध प्रकार के शर्बत, आसव आदि बनाना, जो कि पेयजल के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विविध प्रकार के शर्बत, आसव आदि बनाना, जो कि पेयजल के रूप में प्रयुक्त होते हैं।