कँणयर  

कँणयर - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कर्णिकार (कनियार का फूल, अमलतास का फूल), हिन्दी कनेर)[१]

कनेर का वृक्ष, नुकीली और लम्बी पत्तियों वाला वृक्ष जिस पर पीले, सफेद और लाल रंग के फूल आते हैं।

उदाहरण-

धण कँणयर री कब ज्यउँ, सूकी तोइ सुरत्त। - ढोला मारू र दूहा[२]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 731 |
  2. ढोला मारू र दूहा, 135, सम्पादक रामसिंह, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, द्वितीय संस्करण

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=कँणयर&oldid=669583" से लिया गया