लक्ष्मी रमणा जी की आरती  

जय लक्ष्मी रमणा श्री जय लक्ष्मी रमणा,
शरणागत जय शरण गोवर्धन धारणा । टेक

जै जै युमना तट निकटित प्रगटित बटुवेषा ।
अटपट गोपी कुंज तट पट पर नटवर वेषा ॥ जय०

जय जय जय रघुवीर कंसारे ।
पति कृपा वारे संसारे ॥ जय०

जय जय गोपी पलक बन्धो ।
जय माता तुम कृष्ण कृपा सिन्धो ॥ जय०

जै जै भक्तजन प्रतिपालक चिरंजीवो विष्णो ।
मामुद्धर दिनो घरणीघर विष्णो ॥ जय०

जै जै कृष्ण निजपत रस सागर में ।
कुरु करुणा कुरु करुणा दास सखासिख में ॥ जय०


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=लक्ष्मी_रमणा_जी_की_आरती&oldid=240391" से लिया गया