एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

यशकीर्ति  

यशकीर्ति जैन भट्टारक थे। 'पाण्डवपुराण', 'हरिवंशपुराण', 'आदित्यरकथा' और 'जिनरात्रिकथा' इनकी मुख्य कृतियाँ हैं। इन्होंने महाकवि स्वयंभू के खण्डित और जीर्ण-शीर्ण हरिवंशपुराण का उद्धार ग्वालियर के पास पनिहार जिन चैत्यालय में बैठकर किया था।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=यशकीर्ति&oldid=646319" से लिया गया