प्रेम कविता -अनूप सेठी
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कवि
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अनूप सेठी
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मूल शीर्षक
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जगत में मेला
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प्रकाशक
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आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, एस. सी. एफ. 267, सेक्टर 16, पंचकूला - 134113 (हरियाणा)
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प्रकाशन तिथि
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2002
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देश
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भारत
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पृष्ठ:
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131
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भाषा
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हिन्दी
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विषय
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कविता
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प्रकार
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काव्य संग्रह
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एक
डयूटियाँ बहुत बजा लीं
गृहस्थी और तुनक मिज़ाजी चलती रहेगी
मौसम की तरह आओ बैठो
दोस्ती के दिनों की तरह
जरा देर और
फिर एक-एक कप चाय के साथ और
फिर किताबों की बात
फिर कविता की बात
फिर संगीत का साथ
भरी बरसात
पानी से ऊब चूब बादल
अब बरसे तब बरसे
भिगो जाएं धरती आकाश
दो
आँखें बड़ी-बड़ी
बहुत पास
दँत पंक्ति उनसे भी बड़ी
पूर्ण स्मित हास
इतनी दूर से
इतने पास
गर्मजोशी सब कुछ बाँट लेने की
सलेटी बादलों में उजास
इस खिड़की को खुला रहने दो
झमाझम बारिश है
बेखबर लहराती
समुद्री हवा अनायास
(1996)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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