"रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग" के अवतरणों में अंतर  

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
(''''रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग''' (अनुसंधान और विश्लेषण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
 +
|चित्र=Research-and-Analysis-Wing.jpg
 +
|चित्र का नाम=रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग का प्रतीक चिह्न
 +
|विवरण='रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग' (अनुसंधान और विश्लेषण स्कंध) भारतीय खुफिया एजेंसी है, जो देश की सुरक्षा से सम्बंधित कई महत्त्वपूर्ण दायित्वों को निभाती है।
 +
|शीर्षक 1=संक्षिप्त नाम
 +
|पाठ 1=रॉ (RAW)
 +
|शीर्षक 2=देश
 +
|पाठ 2=[[भारत]]
 +
|शीर्षक 3=स्थापना
 +
|पाठ 3=[[21 सितम्बर]], [[1968]]
 +
|शीर्षक 4=मुख्यालय
 +
|पाठ 4=[[नई दिल्ली]]
 +
|शीर्षक 5=मातृ संस्था
 +
|पाठ 5=प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार
 +
|शीर्षक 6=अधीनस्थ संस्थान
 +
|पाठ 6=एविएशन रिसर्च सेंटर, द रेडियो रिसर्च सेंटर, द इलेक्ट्रानिक एंड टेक्नीकल सर्विसेस, नैशनल टेक्नीकल फैसेलिटीज़ ओर्गानिजेशन तथा स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स।
 +
|शीर्षक 7=
 +
|पाठ 7=
 +
|शीर्षक 8=
 +
|पाठ 8=
 +
|शीर्षक 9=
 +
|पाठ 9=
 +
|शीर्षक 10=
 +
|पाठ 10=
 +
|संबंधित लेख=
 +
|अन्य जानकारी=रॉ का सिद्धांत है- 'धर्मो रक्षति रक्षितः', जिसका मतलब है- "जो शख्स [[धर्म]] की रक्षा करता है, वह हमेशा सुरक्षित रहता है।"
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=
 +
}}
 
'''रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग''' (अनुसंधान और विश्लेषण स्कंध) अथवा '''रॉ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Research and Analysis Wing'' or ''RAW'') [[भारत]] की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है, जिसका मुख्यालय [[दिल्ली]] में है। इस संस्था का गठन वर्ष [[1968]] में किया गया था। 'अन्वेषण ब्यूरो'<ref>जो पहले घरेलु व अंतर्राष्ट्रीय मामले संभालती थी।</ref> [[1962]] के [[भारत-चीन युद्ध (1962)|भारत-चीन युद्ध]] व [[1965]] के [[भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965)|भारत-पाकिस्तान युद्ध]] में अच्छी तरह कार्य नहीं कर पाई थी, जिसके चलते [[भारत सरकार]] को एक ऐसी संस्था की ज़रूरत महसूस हुई, जो स्वतन्त्र और सक्षम तरीके से बाहरी जानकारियाँ जमा कर सके। रॉ का मुख्य कार्य जानकारी इकठ्ठा करना, आतंकवाद को रोकना व गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना है। इसके साथ ही यह विदेशी सरकारों, कंपनियों व इंसानों से मिली जानकारी पर कार्य करती है ताकि भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी जा सके।
 
'''रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग''' (अनुसंधान और विश्लेषण स्कंध) अथवा '''रॉ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Research and Analysis Wing'' or ''RAW'') [[भारत]] की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है, जिसका मुख्यालय [[दिल्ली]] में है। इस संस्था का गठन वर्ष [[1968]] में किया गया था। 'अन्वेषण ब्यूरो'<ref>जो पहले घरेलु व अंतर्राष्ट्रीय मामले संभालती थी।</ref> [[1962]] के [[भारत-चीन युद्ध (1962)|भारत-चीन युद्ध]] व [[1965]] के [[भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965)|भारत-पाकिस्तान युद्ध]] में अच्छी तरह कार्य नहीं कर पाई थी, जिसके चलते [[भारत सरकार]] को एक ऐसी संस्था की ज़रूरत महसूस हुई, जो स्वतन्त्र और सक्षम तरीके से बाहरी जानकारियाँ जमा कर सके। रॉ का मुख्य कार्य जानकारी इकठ्ठा करना, आतंकवाद को रोकना व गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना है। इसके साथ ही यह विदेशी सरकारों, कंपनियों व इंसानों से मिली जानकारी पर कार्य करती है ताकि भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी जा सके।
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
पंक्ति ४: पंक्ति ३३:
  
 
[[1965]] के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद [[भारतीय थल सेना]] के सचिव जनरल जयंतानाथ चौधरी ने और अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की ज़रूरत बताई। 1962 के अंत में एक अलग स्वतन्त्र विदेशी गुप्तचर संस्था को बनाने की योजना आकार लेने लगी। [[1968]] में [[इंदिरा गाँधी]] के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह निश्चय किया गया कि एक पूर्णत: अलग सुरक्षा संस्था की आवश्यकता है। आर.एन काओ, जो उस वक्त अन्वेषण ब्यूरो के उपनिदेशक थे, ने एक नई संस्था का ढांचा पेश किया। काओ को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था 'रिसर्च और एनालिसिस विंग' का सचिव बनाया गया।
 
[[1965]] के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद [[भारतीय थल सेना]] के सचिव जनरल जयंतानाथ चौधरी ने और अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की ज़रूरत बताई। 1962 के अंत में एक अलग स्वतन्त्र विदेशी गुप्तचर संस्था को बनाने की योजना आकार लेने लगी। [[1968]] में [[इंदिरा गाँधी]] के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह निश्चय किया गया कि एक पूर्णत: अलग सुरक्षा संस्था की आवश्यकता है। आर.एन काओ, जो उस वक्त अन्वेषण ब्यूरो के उपनिदेशक थे, ने एक नई संस्था का ढांचा पेश किया। काओ को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था 'रिसर्च और एनालिसिस विंग' का सचिव बनाया गया।
 +
====सर्विसेस संस्थाएँ====
 +
रॉ में सर्विसेस जैसी संस्थाएं [[1970]] व [[1990]] में जुड़ गई। 1990 में स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स रॉ की सशक्त बल बन गई और गोपनीय सैन्य अभियानों में सहकार्य प्रदान करने लगे। [[2004]] में भारतीय सरकार नैशनल टेक्नीकल फैसिलिटीज़ ऑर्गनैजेशन (राष्ट्रिय तकनिकी सहकार्य संस्था) का गठन किया गया, जिसे माना जाता है कि वह रॉ का ही एक विभाग है, परन्तु अब तक इसकी विचारधारा गुप्त रही है। अब तक इसका कार्य गुप्त रखा गया है; परन्तु यह माना जाता है की इसका कार्य जानकारी व चित्रों पर कई तकनीकों का उपयोग करके ध्यान रखना है।
 
==रॉ से जुड़े प्रमुख तथ्य==
 
==रॉ से जुड़े प्रमुख तथ्य==
 
खुफिया एजेंसियां किसी भी देश की सुरक्षा में अपना एक अलग महत्त्व रखती हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी 'राॅ' (RAW) है, जिससे सम्बंधित कुछ तथ्य निम्न प्रकार हैं<ref>{{cite web |url=http://www.gazabhindi.com/2016/07/raw-facts-hindi.html |title=भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े रोचक तथ्य |accessmonthday=14 जनवरी |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= gazabhindi.com|language=हिंदी }}</ref>-
 
खुफिया एजेंसियां किसी भी देश की सुरक्षा में अपना एक अलग महत्त्व रखती हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी 'राॅ' (RAW) है, जिससे सम्बंधित कुछ तथ्य निम्न प्रकार हैं<ref>{{cite web |url=http://www.gazabhindi.com/2016/07/raw-facts-hindi.html |title=भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े रोचक तथ्य |accessmonthday=14 जनवरी |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= gazabhindi.com|language=हिंदी }}</ref>-

०९:४२, १४ जनवरी २०१७ का अवतरण

रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग
विवरण 'रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग' (अनुसंधान और विश्लेषण स्कंध) भारतीय खुफिया एजेंसी है, जो देश की सुरक्षा से सम्बंधित कई महत्त्वपूर्ण दायित्वों को निभाती है।
संक्षिप्त नाम रॉ (RAW)
देश भारत
स्थापना 21 सितम्बर, 1968
मुख्यालय नई दिल्ली
मातृ संस्था प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार
अधीनस्थ संस्थान एविएशन रिसर्च सेंटर, द रेडियो रिसर्च सेंटर, द इलेक्ट्रानिक एंड टेक्नीकल सर्विसेस, नैशनल टेक्नीकल फैसेलिटीज़ ओर्गानिजेशन तथा स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स।
अन्य जानकारी रॉ का सिद्धांत है- 'धर्मो रक्षति रक्षितः', जिसका मतलब है- "जो शख्स धर्म की रक्षा करता है, वह हमेशा सुरक्षित रहता है।"

रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग (अनुसंधान और विश्लेषण स्कंध) अथवा रॉ (अंग्रेज़ी: Research and Analysis Wing or RAW) भारत की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। इस संस्था का गठन वर्ष 1968 में किया गया था। 'अन्वेषण ब्यूरो'[१] 1962 के भारत-चीन युद्ध1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अच्छी तरह कार्य नहीं कर पाई थी, जिसके चलते भारत सरकार को एक ऐसी संस्था की ज़रूरत महसूस हुई, जो स्वतन्त्र और सक्षम तरीके से बाहरी जानकारियाँ जमा कर सके। रॉ का मुख्य कार्य जानकारी इकठ्ठा करना, आतंकवाद को रोकना व गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना है। इसके साथ ही यह विदेशी सरकारों, कंपनियों व इंसानों से मिली जानकारी पर कार्य करती है ताकि भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी जा सके।

इतिहास

रॉ के गठन से पहले विदेशी जानकारी को जमा करने का काम अन्वेषण ब्यूरो (आईबी) करती थी, जिसे ब्रिटिशों ने बनाया था। 1933 में विश्व में राजनैतिक अनिश्चितता को देखते हुए, जिसके चलते द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई, अन्वेषण ब्यूरो की ज़िम्मेदारियाँ बढ़ा दी गयीं ताकि भारत के सीमावर्ती इलाकों से जानकारी इकठ्ठा की जा सके। 1947 में स्वतंत्रता के बाद संजीवी पिल्लई ने आईबी के प्रथम भारतीय निदेशक के रूप में भूमिका संभाली। ब्रिटिशों के जाने के बाद मनुष्य बल में आई गिरावट के कारण पिल्लई ने ब्यूरो को एमआई-5 का अनुसरण करते हुए चलाने की कोशिश की। 1949 में पिल्लई ने एक छोटे विदेशी जानकारियों के ऑपरेशन को शुरू किया, परन्तु 1962 के भारत-चीन युद्ध में अक्षमता सामने आई। विदेशी जानकारी की भारत-चीन युद्ध के दौरान नाकामयाबी के कारण प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक विदेशी गुप्तचर संस्था के गठन का आदेश दिया।

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय थल सेना के सचिव जनरल जयंतानाथ चौधरी ने और अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की ज़रूरत बताई। 1962 के अंत में एक अलग स्वतन्त्र विदेशी गुप्तचर संस्था को बनाने की योजना आकार लेने लगी। 1968 में इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह निश्चय किया गया कि एक पूर्णत: अलग सुरक्षा संस्था की आवश्यकता है। आर.एन काओ, जो उस वक्त अन्वेषण ब्यूरो के उपनिदेशक थे, ने एक नई संस्था का ढांचा पेश किया। काओ को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था 'रिसर्च और एनालिसिस विंग' का सचिव बनाया गया।

सर्विसेस संस्थाएँ

रॉ में सर्विसेस जैसी संस्थाएं 19701990 में जुड़ गई। 1990 में स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स रॉ की सशक्त बल बन गई और गोपनीय सैन्य अभियानों में सहकार्य प्रदान करने लगे। 2004 में भारतीय सरकार नैशनल टेक्नीकल फैसिलिटीज़ ऑर्गनैजेशन (राष्ट्रिय तकनिकी सहकार्य संस्था) का गठन किया गया, जिसे माना जाता है कि वह रॉ का ही एक विभाग है, परन्तु अब तक इसकी विचारधारा गुप्त रही है। अब तक इसका कार्य गुप्त रखा गया है; परन्तु यह माना जाता है की इसका कार्य जानकारी व चित्रों पर कई तकनीकों का उपयोग करके ध्यान रखना है।

रॉ से जुड़े प्रमुख तथ्य

खुफिया एजेंसियां किसी भी देश की सुरक्षा में अपना एक अलग महत्त्व रखती हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी 'राॅ' (RAW) है, जिससे सम्बंधित कुछ तथ्य निम्न प्रकार हैं[२]-

  1. रॉ का कानूनी दर्जा अभी भी अस्पष्ट है। आखिर क्यों रॉ एक एजेंसी नहीं बल्कि विंग है?
  2. इसका गठन 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद तब किया गया, जब इंदिरा गांधी की सरकार ने भारत की सुरक्षा की जरूरत को महसूस किया।
  3. राॅ पर आर.टी.आई. (RTI) नहीं डाल सकते, क्योंकि यह देश की सुरक्षा का मामला है।
  4. इस गुप्तचर संस्था में शामिल होने के लिए माता-पिता का भारतीय होना अनिवार्य है।
  5. रॉ का सिद्धांत है- धर्मो रक्षति रक्षितः, जिसका मतलब है- "जो शख्स धर्म की रक्षा करता है, वह हमेशा सुरक्षित रहता है।"
  6. रॉ अपनी रिपोर्ट सीधे देश के प्रधानमंत्री को भेजती है। इसके डायरेक्टर का चुनाव, सेक्रेटरी (रिसर्च) द्वारा होता है।
  7. ऐसे प्रत्याशी जिनका चुनाव रक्षा बलों से हुआ हो, उन्हें इसमें शामिल होने से पहले अपने मूल विभाग से इस्तीफा देना आवश्यक है।
  8. मिशन पूरा होने के बाद, अधिकारी को अनुमति होती है कि वह अपने मूल विभाग में वापस शामिल हो सकते है।
  9. सिक्किम को भारत में शामिल करने का श्रेय भी बहुत हद तक रॉ को जाता है। रॉ ने वहां के नागरिकों को भारत समर्थक (प्रो इंडियन) बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
  10. यदि कोई रॉ का कर्मचारी है तो उसे यह बात पूर्णत: गुप्त रखनी होगी कि वह रॉ के लिए कार्य करता है।
  11. रॉ के लिए काम करना एक डेस्क में बैठकर काम करने जैसा नहीं है। आप किसी मिशन पर हों, तो पूरी सम्भावना है कि आपके परिवार को भी नहीं पता होगा कि आप कहाँ हैं।
  12. यह साबित करने के लिए हमेशा तैयार रहें कि आप दिन के चौबीसों घंटे, हफ्ते के सातों दिन, किसी भी परिस्थिति में काम कर सकते हैं और खुद को उन परिस्थितियों के अनुरूप ढाल सकते हैंं।
  13. अगर आप किसी खेल में अच्छे हैं तो ये रॉ में आपके प्रवेश के अवसर को बढ़ा देता है। चीनी, अफ़ग़ानी या किसी दूसरी भाषा का ज्ञान आपको दूसरो से ऊपर खड़ा करता है।
  14. रॉ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी को बंदूक नहीं मिलती। बचाव के लिए ये अपनी तेज बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं।
  15. रॉ का गठन अमेरिका के सीआईए की तर्ज पर ही किया गया है। इसके ऑफिशर्स को अमेरिका, यूके और इजरायल में प्रशिक्षण दिया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जो पहले घरेलु व अंतर्राष्ट्रीय मामले संभालती थी।
  2. भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े रोचक तथ्य (हिंदी) gazabhindi.com। अभिगमन तिथि: 14 जनवरी, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=रिसर्च_एण्ड_एनालिसिस_विंग&oldid=581825" से लिया गया