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तीजनबाई का जन्म [[24 अप्रैल]], 1956 में छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई ज़िले के गिनियार गाँव में हुआ था। बृजलाल पारधी तीजनबाई के नाना थे, जो खुद भी एक अच्छे पाण्डवनी गायक थे और तीजनबाई का पालन पोषण भी बृजलाल पारधी ने ही किया था। तीजनबाई के पिता का नाम हुनुकलाल परधा और माता का नाम सुखवती था। तीजनबाई का बचपन बहुत संघर्षों से भरा हुआ था।  
  
 
==विवाह==
 
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तीजनबाई का विवाह 12 साल की उम्र में हो गया था।  
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तीजनबाई का पहला विवाह 12 साल की उम्र में हो गया था। उसके बाद तीजनबाई के तीन विवाह और किए, अब वह अपने चौथे पति तुक्का राम के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। तुक्का राम भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी करता है। तीजनबाई ने अपना पहला विवाह प्राधि जनजाति में किया जहाँ पर महिलाओं को पाण्डवानी गाने की अनुमती दी जाती थी और तीजनबाई की जनजाति में सिर्फ पुरुष पाण्डवनी गाते थे और महिलाएँ सुनती थे। 
  
  
 
==प्रथम प्रस्तुति==
 
==प्रथम प्रस्तुति==
तीजनबाई ने अपना जीवन का पहला कार्यक्रम सिर्फ 13 साल की उम्र में [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] के चंदखुरी गाँव में किया था। बचपन में तीजनबाई अपने नाना ब्रजलाल को महाभारत की कहानियाँ गाते हुए सुनती और देखतीं थी और धीरे धीरे उन्हें ये कहानियाँ याद होने लगीं। उनकी अद्भुत लगन और प्रतिभा को देखकर उमेद सिंह देशमुख ने तीजनबाई को अनौपचारिक प्रशिक्षण भी दिया, बाद में उनका परिचय हबीब तनवीर से हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्धि आसमान छुने लगी।
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*1988 पद्मश्री
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*[[1988]] पद्मश्री
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*[[1995]] [[संगीत नाटक अकादमी|संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]
*2003 (बिलासपुर विश्वविद्यालय के द्वारा डी लिट की मानद उपाधि) Hon. D. Litt, Bilaspur University [9]
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*[[2003]] (बिलासपुर विश्वविद्यालय के द्वारा डी लिट की मानद उपाधि) Hon. D. Litt, Bilaspur University  
 
*2003 पद्म भूषण
 
*2003 पद्म भूषण
  
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==संबंधित लेख==
 
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०५:४८, २३ फ़रवरी २०१२ का अवतरण

प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना2
पूरा नाम तीजनबाई
प्रसिद्ध नाम तीजनबाई
जन्म 24 अप्रैल, 1956
जन्म भूमि छत्तीसगढ़
पति/पत्नी तुक्का राम
कर्म भूमि छत्तीसगढ़
कर्म-क्षेत्र पाण्डवानी गायिका
पुरस्कार-उपाधि 1988 पद्मश्री, 1995 संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2003 पद्म भूषण
प्रसिद्धि तीजनबाई छत्तीसगढ़ राज्य की पहली महिला कलाकार हैं जो पाण्डवानी की कापालिक शैली की गायिका है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी तीजनबाई ने अपना जीवन का पहला कार्यक्रम सिर्फ 13 साल की उम्र में दुर्ग ज़िले के चंदखुरी गाँव में किया था।

तीजनबाई ((अंग्रेजी:teejan bai) जन्म: 24 अप्रैल, 1956) छत्तीसगढ़ राज्य की पहली महिला कलाकार हैं जो पाण्डवानी की कापालिक शैली की गायिका है। तीजनबाई नें अपनी कला का प्रदर्शन अपने देश में ही बल्कि विदेश में भी किया है, जिसके के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्मश्री की उपाधि से सम्मानित किया गया है।

परिचय

तीजनबाई का जन्म 24 अप्रैल, 1956 में छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई ज़िले के गिनियार गाँव में हुआ था। बृजलाल पारधी तीजनबाई के नाना थे, जो खुद भी एक अच्छे पाण्डवनी गायक थे और तीजनबाई का पालन पोषण भी बृजलाल पारधी ने ही किया था। तीजनबाई के पिता का नाम हुनुकलाल परधा और माता का नाम सुखवती था। तीजनबाई का बचपन बहुत संघर्षों से भरा हुआ था।

विवाह

तीजनबाई का पहला विवाह 12 साल की उम्र में हो गया था। उसके बाद तीजनबाई के तीन विवाह और किए, अब वह अपने चौथे पति तुक्का राम के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। तुक्का राम भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी करता है। तीजनबाई ने अपना पहला विवाह प्राधि जनजाति में किया जहाँ पर महिलाओं को पाण्डवानी गाने की अनुमती दी जाती थी और तीजनबाई की जनजाति में सिर्फ पुरुष पाण्डवनी गाते थे और महिलाएँ सुनती थे।


प्रथम प्रस्तुति

तीजनबाई ने अपना जीवन का पहला कार्यक्रम सिर्फ 13 साल की उम्र में दुर्ग ज़िले के चंदखुरी गाँव में किया था। बचपन में तीजनबाई अपने नाना ब्रजलाल को महाभारत की कहानियाँ गाते हुए सुनती और देखतीं थी और धीरे धीरे उन्हें ये कहानियाँ याद होने लगीं। उनकी अद्भुत लगन और प्रतिभा को देखकर उमेद सिंह देशमुख ने तीजनबाई को अनौपचारिक प्रशिक्षण भी दिया, बाद में उनका परिचय हबीब तनवीर से हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्धि आसमान छुने लगी।

पुरस्कार


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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