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{रानीदाह जलप्रपात किस ज़िले में स्थित है? | {रानीदाह जलप्रपात किस ज़िले में स्थित है? | ||
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-[[अम्बिकापुर]] | -[[अम्बिकापुर]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] के जशपुर ज़िले से 15 किमी. दूर 'रानीदाह जलप्रपात' स्थित है। मान्यता है कि [[उड़ीसा]] की किसी रानी ने यहाँ से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसीलिए इसका नाम 'रानीदाह' पड़ा। रानीदाह के निकट महाकलेश्वर मंदिर स्थित है। रानीदाह जलप्रपात से एक किमी. दूर दक्षिण में ऐतिहासिक स्थल पंचभैया का प्राचीन शिवमंदिर है। इस जलप्रताप से आगे [[बिहार]] की रामरेखा की प्रसिद्ध गुफाएँ एवं प्राचीन मंदिर जाने का मार्ग है। यही कारण है कि रानीदाह का इस राज्य में विशेष महत्त्व है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[छत्तीसगढ़]] के जशपुर ज़िले से 15 किमी. दूर 'रानीदाह जलप्रपात' स्थित है। मान्यता है कि [[उड़ीसा]] की किसी रानी ने यहाँ से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसीलिए इसका नाम 'रानीदाह' पड़ा। रानीदाह के निकट महाकलेश्वर मंदिर स्थित है। रानीदाह जलप्रपात से एक किमी. दूर दक्षिण में ऐतिहासिक स्थल पंचभैया का प्राचीन शिवमंदिर है। इस जलप्रताप से आगे [[बिहार]] की रामरेखा की प्रसिद्ध गुफाएँ एवं प्राचीन मंदिर जाने का मार्ग है। यही कारण है कि रानीदाह का इस राज्य में विशेष महत्त्व है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
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+ | {[[छत्तीसगढ़]] का प्रसिद्ध 'राजकुमार कॉलेज' किस सन से प्रारम्भ हुआ था? | ||
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+ | -1890 | ||
+ | +1894 | ||
+ | -1830 | ||
+ | -1909 | ||
{[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र पशु चिकित्सा एवं पशु महाविद्यालय कौन-सा है? | {[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र पशु चिकित्सा एवं पशु महाविद्यालय कौन-सा है? | ||
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+गोकुलम दुर्ग (अंजोरा) | +गोकुलम दुर्ग (अंजोरा) | ||
-रायगढ़ | -रायगढ़ | ||
+ | ||[[छत्तीसगढ़]] राज्य में मवेशी और पशुपालन महत्त्वपूर्ण कार्यों में से एक हैं। मवेशीयों में [[गाय]], भैंस, बकरी, भेड़, और सूअर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। राज्य में [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] स्थित बकरी व [[गाय]] के कृत्रिम प्रजनन और संकरण केंद्र इन जानवरों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने में लगे हैं। गोकुलम (अंजोरा) राज्य का एकमात्र पशु चिकित्सालय और महाविद्याल्य है, जहाँ पशुओं आदि की देखभाल और उनसे सम्बन्धित बीमारियों का इलाज किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
− | + | {'[[गेरू]]' [[छत्तीसगढ़]] के किस ज़िले में सर्वाधिक पाया जाता है? | |
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− | {'[[गेरू]]' [[छत्तीसगढ़]] के किस ज़िले में सर्वाधिक पाया जाता है? | ||
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+[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | +[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
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-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | ||
− | {[[छत्तीसगढ़]] | + | {[[छत्तीसगढ़]] का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन-सा है? |
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− | - | + | +[[गुरु घासीदास नेशनल पार्क|गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान]] |
− | + | -[[कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान]] | |
− | - | + | -[[इंद्रावती नेशनल पार्क|इंद्रावती रष्ट्रीय उद्यान]] |
− | - | + | -उपरोक्त में से कोई नहीं |
+ | ||'गुरु घासीदास नेशनल पार्क' का 60 प्रतिशत हिस्सा [[छत्तीसगढ़]] राज्य के कोरिया ज़िले में स्थित है। यह नेशनल पार्क में मिश्रित पतझड़ी वनों के अंदर पीक, साल और [[बांस]] के पेड़ बहुत बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। इस क्षेत्र में विविध प्रकार के स्तनधारी जीव पाए जाते हैं। यहाँ पाये जाने वाले जीवों में [[बाघ]], चीते, [[चीतल]], चिंकारा, नील गाय, [[भेडिए]], सांभर, जंगली बिल्ली, साही, [[बंदर]], पट्टीदार हाइना और जंगले कुत्तों आदि की प्रजातियाँ मुख्य रूप से शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु घासीदास नेशनल पार्क|गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान]] | ||
− | + | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[सोयाबीन]] फ़सल का प्रमुख उत्पादक ज़िला कौन-सा है? | |
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− | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[सोयाबीन]] | ||
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-[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | -[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | ||
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-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | ||
− | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[मक्का|मक्के]] की | + | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[मक्का|मक्के]] की फ़सल का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र कौन-सा है? |
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-बस्तर | -बस्तर | ||
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-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
+ | ||छत्तीसगढ़ राज्य में धान का सर्वाधिक भंडार मौजूद है, शायद यही कारण है कि राज्य को 'धान का कटोरा' कहा जाता है। यहाँ प्रति हेक्टेयर 14 क्विंटल धान का उत्पादन होता है। राज्य की अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]], [[मूँगफली]] और दलहन। कोरिया [[छत्तीसगढ़]] राज्य के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जहाँ पर मक्के की खेती सबसे ज़्यादा की जाती है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बागवानी फ़सलें उगाई जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
− | {[[छत्तीसगढ़]] में 'लाइफ लाइन एक्सप्रेस' क्या है? | + | {[[छत्तीसगढ़]] में 'लाइफ लाइन एक्सप्रेस' क्या है? |
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+प्लास्टिक सर्जरी शिविर | +प्लास्टिक सर्जरी शिविर | ||
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-पानी बचाओ आंदोलन | -पानी बचाओ आंदोलन | ||
− | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य के इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना किस सन में हुई? | + | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य के 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन में हुई? |
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-1940 | -1940 | ||
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+1987 | +1987 | ||
-1975 | -1975 | ||
+ | ||[[छत्तीसगढ़]] में लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बाग़वानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्य के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। विश्वविद्यालय की स्थापना 20 जनवरी, सन 1987 को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा प्रदान करता है। यह कृषि विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
− | { | + | {[[छत्तीसगढ़]] में तेंदूपत्ता सर्वाधिक किस उद्योग में प्रयुक्त होता है? |
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− | + | + | -लाख उद्योग |
− | - | + | +बीड़ी उद्योग |
− | - | + | -गोंद उद्योग |
− | - | + | -चमड़ा रंगने का आरोप |
+ | ||छत्तीसगढ़ की लधु उद्योग इकाइयों का राष्ट्रीय परिदृश्य पर प्रभाव छोड़ना शेष है, लेकिन हथकरघा उद्योग यहाँ फल-फूल रहा है, और साड़ी बुनने, ग़लीचे व बर्तन बनाने तथा [[सोना|सोने]] के रसायन उत्पादन की भी कुछ इकाइयाँ हैं। [[भारत]] में बीड़ी बनाने का उद्योग भी बड़े पैमाने पर होता रहा है। [[मध्य प्रदेश]], [[उड़ीसा]] और [[छत्तीसगढ़]] राज्यों में तेन्दुपता एक बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य में इस पत्ते का अधिकतर प्रयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
− | {[[ | + | {[[छत्तीसगढ़]] का सर्वाधिक साक्षर ज़िला कौन-सा है? |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | -[[रायपुर ज़िला|रायपुर]] | + | -[[रायपुर ज़िला|रायपुर]] |
+ | -[[दुर्ग ज़िला|दुर्ग]] | ||
+ | +[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | ||
-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | ||
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− | {[[छत्तीसगढ़]] का | + | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में वन अनुसंधान की स्थापना कहाँ प्रस्तावित है? |
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[रायपुर]] | ||
+ | +[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
+ | -जगदलपुर | ||
+ | -रायगढ़ | ||
+ | ||18वीं शाताब्दी में [[मराठा|मराठों]] द्वारा अधिकार किये जाने से पहले [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[गोंडा ज़िला|गोंड]] राज्य की राजधानी था। इसके उत्तर में स्थित रतनपुर, [[छत्तीसगढ़]] के [[हिन्दू]] राजवंश [[हैहय वंश|हैहय]] की प्राचीन राजधानी थी। इसके ध्वंसावशेष आठवीं शाताब्दी के हैं। बिलासपुर में 1867 में नगरपालिका गठित की गई थी। बिलासपुर प्राचीनकाल में मछियारों की छोटी-सी बस्ती मात्र था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
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+ | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य को 'धान का कटोरा' कहा जाता है। यहाँ धान की उत्पादकता औसत प्रति हेक्टेयर कितने क्विंटल है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | - | + | -30 क्विंटल |
− | + | + | -20 क्विंटल |
− | - | + | +14 क्विंटल |
− | - | + | -10 क्विंटल |
+ | ||[[छत्तीसगढ़]] में 80 प्रतिशत आबादी [[कृषि]] और उससे जुडी गतिविधियों में शामिल है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। खेती का प्रमुख मौसम ख़रीफ हैं। [[चावल]] यहाँ की मुख्य फ़सल है। इस राज्य को 'धान का कटोरा' कहकर भी सम्मानित किया गया है, क्योंकि यहाँ धान का सर्वाधिक भंडार मौजूद है। यहाँ प्रति हेक्टेयर 14 क्विंटल धान का उत्पादन होता है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]], [[मूँगफली]] और दलहन।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
− | { | + | {ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से 'छत्तीसगढ़ विधानसभा' द्वारा विधेयक कब पारित किया गया था? |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | - | + | +19 अप्रैल, 2000 |
− | - | + | -19 अप्रैल, 2001 |
− | + | -15 मार्च, 2000 | |
− | - | + | -18 मार्च, 2002 |
− | {[[ | + | {[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र कैंसर चिकित्सा केंद्र कहाँ स्थित है? |
|type="()"} | |type="()"} | ||
-भिलाई | -भिलाई | ||
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+[[रायपुर]] | +[[रायपुर]] | ||
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
− | ||रायपुर अध्ययन का महत्त्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के कला, विज्ञान, वाणिज्य | + | ||[[रायपुर]] अध्ययन का महत्त्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के [[कला]], [[विज्ञान]], वाणिज्य, कृषिविज्ञान, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, औषधी विज्ञान और प्राच्य भाषाओं के कॉलेज यहीं स्थित 'रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय' ([[1964]]) से संबद्ध हैं। रायपुर में अनेक [[संगीत]] अकादमियाँ, एक संग्रहालय, एक क्षयरोग अस्पताल और [[चावल]] व रेशम व्यवसाय के प्रायोगिक फ़ार्म भी हैं। राज्य का एकमात्र 'कैंसर चिकित्सा केंद्र' रायपुर में ही स्थापित है, जहाँ कैंसर के रोगों का इलाज किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]] |
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०७:४४, १६ जनवरी २०१२ का अवतरण
छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान
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