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*न्याय के प्राथमिक अभ्यासी के लिए परीक्षामुख और न्यायदीपिका की तरह इसका भी अभ्यास उपयोगी है।  
 
*न्याय के प्राथमिक अभ्यासी के लिए परीक्षामुख और न्यायदीपिका की तरह इसका भी अभ्यास उपयोगी है।  
 
*ये ई. 1089-1173 शती के विद्वान माने जाते हैं।
 
*ये ई. 1089-1173 शती के विद्वान माने जाते हैं।
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==संबंधित लेख==
 
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१३:०८, १६ जून २०११ का अवतरण

आचार्य हेमचन्द्र

  • ये न्याय, व्याकरण, साहित्य, सिद्धान्त और योग इन सभी विषयों के प्रखर विद्वान थे।
  • इनका न्याय-ग्रन्थ 'प्रमाण-मीमांसा' विशेष प्रसिद्ध है।
  • इसके सूत्र और उनकी स्वोपज्ञ टीका दोनों ही सुन्दर और बोधप्रद हैं।
  • न्याय के प्राथमिक अभ्यासी के लिए परीक्षामुख और न्यायदीपिका की तरह इसका भी अभ्यास उपयोगी है।
  • ये ई. 1089-1173 शती के विद्वान माने जाते हैं।

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