"मेघालय की संस्कृति" के अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
छो (मेघालय की कला एवं संस्कृति का नाम बदलकर मेघालय की संस्कृति कर दिया गया है) |
|||
पंक्ति २२: | पंक्ति २२: | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
+ | {{भारत की संस्कृति}} | ||
[[Category:मेघालय]] | [[Category:मेघालय]] | ||
+ | [[Category:मेघालय की संस्कृति]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
०७:२६, ६ जून २०११ का अवतरण
- मेघालय में ‘का पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है।
- जो पांच दिन तक मनाया जाता है। इसे 'नोंगक्रेम' के नाम से भी जाना जाता है।
- यह शिलांग से लगभग 11 कि.मी. की दूरी पर स्थित 'स्मित' नामक गांव में मनाया जाता है।
- 'शाद सुक मिनसीम' खासियों का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल अप्रैल के दूसरे हफ़्ते में शिलांग में मनाया जाता है।
- 'बेहदीनखलम जयंतिया' आदिवासियों का महत्वपूर्ण त्योहार है।
- यह जुलाई माह में जयंतिया पहाडियों के जोवई कस्बे में मनाया जाता है।
- गारो आदिवासी सलजोंग (सूर्य देवता) नामक देवता के सम्मान में अक्टूबर-नवंबर में 'वांगला' नामक त्योहार मनाते हैं।
- यह त्योहार लगभग एक हफ्ते तक मनाया जाता है।
|
|
|
|
|