एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

शीतला माता की आरती  

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
शीतला माता

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता | जय

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता | जय

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता | जय

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता | जय

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता | जय

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता | जय

जो भी ध्यान लगावैं प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता | जय

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता | जय

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता | जय

शीतल करती जननी तुही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता | जय

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता | जय



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=शीतला_माता_की_आरती&oldid=484481" से लिया गया