चीनी उद्योग  

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चीनी मिल, उत्तर प्रदेश

चीनी उद्योग का सर्वाधिक जमाव उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा कर्नाटक राज्यों में मिलता है। गन्ने से चीनी (शक्कर), खाँड़ आदि बनाने का काम तो भारत में ईसा पूर्व की शताब्दियों से ही प्रचलित रहा है, किन्तु आधुनिक ढंग से चीनी बनाने का वर्तमान उद्योग इसी शताब्दी की देन है।

चीनी उद्योग के विकास

चीनी उद्योग के विकास का प्रारम्भ 1903 से होता है और 1931 में भारत में चीनी बनाने के 29 कारखाने स्थापित हो गये थे 1950-51 में इनकी संख्या बढ़कर 139 हो गयी थी 1995 में भारत में 435 कारखाने थे जिनकी स्थापना मुख्यतः गन्ना उत्पादक क्षेत्रों या उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में ही की गयी थी। चूंकि गन्ना शीघ्र ही सूख जाता है, इसलिए इसको शीघ्रता से कारखानों तक पहुंचाने एक अनिवार्यता होती है।

चीनी उत्पादन क्षेत्र

चीनी उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश का क्रमशः पहला, दूसरी, तीसरा तथा चौथा स्थान है।

उत्तर प्रदेश में

उत्तर प्रदेश देश का सबसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य है, जहाँ इसके 116 कारखाने लगाये गये है। यहाँ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र में प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत चीनी का उत्पादन किया जाता है। इस क्षेत्र के प्रमुख ज़िले हैं- सहारनपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, गाजियाबाद, तथा बुलन्दशहर। इसी प्रकार रूहेलखण्ड सम्भाग के ऊपरी ज़िलों के अन्तर्गत आने वाला तराई क्षेत्र राज्य की शेष चीनी का उत्पादन करता है। इस क्षेत्र के प्रमुख चीनी उत्पादक ज़िले हैं- देवरिया, गोरखपुर, बस्ती,गोंडा, बाराबंकी, जौनपुर, सीतापुर, हरदोई तथा बिजनौर

बिहार में

चीनी

बिहार राज्य का चीनी उत्पादन में महत्त्वपूर्ण स्थान है, जहाँ इसकी 29 मिलें है। इस उद्योग का केन्द्रीकरण उत्तरी बिहार में अधिक हुआ है। जहाँ सारन, चम्पारन, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, आदि प्रमुख ज़िले हैं। दक्षिणी बिहार में बिहाट, बक्सर, जामी तथा डालमियानगर में चीनी मिलें स्थापित हैं।

महाराष्ट्र में

महाराष्ट्र में 143 चीनी मिलें हैं, जो मुख्य रूप से नासिक, मनमाड, पुणे, अहमदनगर, मीराज, शोलापुर तथा कोल्हापुर ज़िलों में स्थित है।

तमिलनाडु में

तमिलनाडु राज्य का भी चीनी उत्पादन में महत्त्वपूर्ण स्थान है, जहाँ कोयम्बटूर, दक्षिणी तथा उत्तरी अर्काट, तिरुचिरापल्ली, मदुरै आदि ज़िलों में 37 मिलों की स्थापना की गयी है।

आन्ध्र प्रदेश में

आन्ध्र प्रदेश में चीनी बनाने की 41 मिलें हैं, जिनका केन्द्रीकरण गोदावरी, कृष्णा, विशाखापटनम, मेडक, निजाबाद तथा चित्तूर ज़िलों में अधिकहुआ है।

कर्नाटक में

कर्नाटक राज्य में यह उद्योग काफ़ी उन्नति पर है तथा यहाँ के बेलगाँव, माण्डया, बीजापुर, बेल्लारी, शिमोगा,तथा चित्रदुर्ग महत्त्वपूर्ण चीनी उत्पादक ज़िलें है।

अन्य राज्य में

गुजरात, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, पाण्डिचेरी, केरल, नागालैण्ड आदि राज्यों में भी चीनी का उत्पादन किया जाता है।

चीनी का उत्पादन

भारत में गन्ने के अलावा चुकन्दर से भी चीनी बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। राजस्थान के गंगानगर में चुकन्दर से चीनी बनाने का एक कारख़ाना स्थापित किया गया है। 2006-07 के दौरान देश में 28199 हज़ार मी. टन चीनी का उत्पादन किया गया।


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