शब्द संदर्भ
हिन्दी
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एक सममात्रिक छन्द जिसके प्रत्येक चरण, में 30 मात्राएँ होती हैं, 14-16 पर यति होती है, अंत में गुरु होता है तथा चौकलों में जगण का निषेध होता है, समवर्णिक छ्न्द जिसके प्रत्येक चरण में क्रमश: जगण, भगण, सगण, जगण और गुरु (ज,भ,स,ज,ग,) के योग से 13 वर्ण होते हैं और 4-9 पर यति होती है, रामायण के अनुसार एक प्राचीन नदी।
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-व्याकरण
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विशेषण, स्त्रीलिंग
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-उदाहरण
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-विशेष
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-विलोम
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-पर्यायवाची
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गुप्तक, मुरई, कंदमूल।
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संस्कृत
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अन्य ग्रंथ
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संबंधित शब्द
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रुचिर
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