ययतिनगर  

ययतिनगर अथवा ययातिनगरी एक प्राचीन नगरी थी, जो उड़ीसा में महानदी के तट पर अवस्थित थी। यह सोनपुर के निकट स्थित थी।

  • प्राचीन काल में यह नगरी समृद्धशाली थी, जैसा कि धोई कवि के 'पवनदूत' से ज्ञात होता है-

'लीलां नेतुं पवनपदवीमुत्कलानां रतेश्चेत् गच्छेः ख्यातां जगति नगरीमाख्ययातां ययातेः।'

  • यह नगरी उड़ीसा नरेश 'ययातिकेसरी' के नाम पर प्रसिद्ध थी।
  • डॉ. फ्लीट के अनुसार कटक ही प्राचीन ययातिनगरी है।[१]
  • कुछ समय पूर्व उर्पयुक्त स्थान (महानदी के तट पर, सोनपुर के निकट) से 'उद्योतकेसरी' के तीन प्रस्तर लेख और एक ताम्रपट्ट लेख प्राप्त हुए हैं, जिनमें उसकी अनेक पार्श्ववर्ती राजाओं पर विजय प्राप्त करने का वृतांत उत्कीर्ण है।[२]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. एपिग्राफिका इंडिका जिल्द 3, पृ. 223
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 770 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=ययतिनगर&oldid=515620" से लिया गया