ओद्रक  

ओद्रक प्रसिद्ध शुंगवंश का पाँचवाँ राजा। इसका दूसरा नाम पुराणों में आद्रक भी मिलता है। उसके अनुसार उसने केवल दो वर्ष राज किया। संभवत: इसका एक और नाम काशीपुत्र भागभद्र भी था। इस नाम के साथ ओद्रक का एकीकरण संदेह से खाली नहीं है। तक्षशिला के ग्रीक राजा अंतलिकिद ने दियपुत्र हेलियोदोरस को अपना राजदूत बनाकर मगध भेजा था। वह दूत वैष्णव था और उसने विष्णु के नाम पर बेसनगर (मध्य प्रदेश) में एक स्तंभ खड़ा कराया। उसपर उत्कीर्ण लेख में मगधराज काशीपुत्र भागभद्र का उल्लेख है, जो ओद्रक अथवा भागवत दोनों में से कोई हो सकता है। संभवत: ओद्रक ने 123 ई.पू. के लगभग राज किया।[१]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 298 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=ओद्रक&oldid=633540" से लिया गया