शनि व्रत  

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • शनिवार को तेल से स्नान तथा किसी ब्राह्मण को तेल दान करना चाहिए।
  • शनिव्रत में काले पुष्पों से शनि की पूजा की जाती है।
  • शनिव्रत एक वर्ष तक किया जाता है।
  • अन्त में तेल युक्त लोहे या मिट्टी के आधार में शनि की लोहप्रतिमा का काले वस्त्रों के एक जोड़े के साथ दान देना चाहिए।
  • ब्राह्मण के लिए मंत्र है, 'शन्नो देवीरभिष्टये' तथा अन्य वर्णों के लिए पौराणिक मंत्र है जो शनि की (जहाँ कोण नाम आया है, जो कि सम्भवत: यूनानी शब्द है) स्तुति के लिए बने हैं।
  • इस व्रत से शनि से उत्पन्न सभी कष्ट कट जाते हैं।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 580-583, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण); (स्मृतिकौस्तुभ 555

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=शनि_व्रत&oldid=189383" से लिया गया