संविधान संशोधन- 23वाँ
संविधान संशोधन- 23वाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
23वाँ संशोधन | 1969 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (23वाँ संशोधन) अधिनियम, 1969
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा आंग्ल भारतीयों के लिए संसद और राज्य विधानमंडलों में स्थानों के आरक्षण की अवधि 10 वर्ष तक और बढ़ाने के लिए अनुच्छेद 334 का संशोधन किया गया।
- इसके लिए अनुच्छेद 334 में '20 वर्ष' के स्थान पर '30 वर्ष' शब्द रख दिया गया।
- प्रारम्भ में इन जातियों के लिए आरक्षण 10 वर्ष के लिए किया गया था।
- आठवें संविधान संशोधन द्वारा इसे 20 वर्ष कर दिया गया और अब प्रस्तुत संशोधन द्वारा इसे 30 वर्ष तक के लिए कर दिया गया है।
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