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*इस झील में घनी जलीय घास के बड़े-बड़े हिस्से तैरते रहते हैं जिन्हें फुमडी के नाम से जाना जाता है।  
 
*इस झील में घनी जलीय घास के बड़े-बड़े हिस्से तैरते रहते हैं जिन्हें फुमडी के नाम से जाना जाता है।  
 
*इन तैरती वनस्पतियों के कारण लोकटक झील को तैरती झील कहा जाता है।  
 
*इन तैरती वनस्पतियों के कारण लोकटक झील को तैरती झील कहा जाता है।  
*जलीय घास के ये हिस्से इतने बड़ॆ होते है कि झील में बसने वाले मछुआरे उसमें अपनी झोपड़ी बना कर रहते हैं।
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*जलीय घास के ये हिस्से इतने बड़ॆ होते है कि झील में बसने वाले मछुआरे उसमें अपनी झोपड़ी बना कर रहते हैं।<ref>{{cite web |url=http://travelwithmanish.blogspot.com/2010_06_01_archive.html |title=मणिपुर की लोकटक झील, गोल घेरों वाली तैरती फुमडियाँ और संगाई हिरण |accessmonthday=[[31 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=|publisher=मुसाफ़िर हूँ यारों |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
  
 
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१२:४६, ३१ अगस्त २०११ का अवतरण

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लोकटक झील
  • लोकटक झील भारत के उत्तरपूर्व की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। यह झील मणिपुर में खूगा नदी के पास स्थित है।
  • लोकटक झील देखने में बहुत ख़ूबसूरत है।
  • लोकटक झील विश्व में तैरती झील के नाम से विख्यात है।
  • इस झील में घनी जलीय घास के बड़े-बड़े हिस्से तैरते रहते हैं जिन्हें फुमडी के नाम से जाना जाता है।
  • इन तैरती वनस्पतियों के कारण लोकटक झील को तैरती झील कहा जाता है।
  • जलीय घास के ये हिस्से इतने बड़ॆ होते है कि झील में बसने वाले मछुआरे उसमें अपनी झोपड़ी बना कर रहते हैं।[१]


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