"चांदीपुर तट" के अवतरणों में अंतर
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*यह रहस्यमयी समुद्र तट प्रकृति के आश्चर्यों में से एक है। कुछ ही मिनटों के भीतर समुद्र तट का पानी घट जाता है और फिर दो मिनट में ही समुद्र तट पर [[बाढ़]] जैसे नज़ारे की अद्भुत घटना एक बार अनुभव करने के लायक है। ऐसा दिन में दो बार [[ज्वार भाटा|ज्वार-भाटे]] के कारण होता है जो एक निश्चित समय के अंतराल से आता है। भाटे के कारण पानी दूर चला जाता है जबकि ज्वार की वजह से पानी वापस भर जाता है। | *यह रहस्यमयी समुद्र तट प्रकृति के आश्चर्यों में से एक है। कुछ ही मिनटों के भीतर समुद्र तट का पानी घट जाता है और फिर दो मिनट में ही समुद्र तट पर [[बाढ़]] जैसे नज़ारे की अद्भुत घटना एक बार अनुभव करने के लायक है। ऐसा दिन में दो बार [[ज्वार भाटा|ज्वार-भाटे]] के कारण होता है जो एक निश्चित समय के अंतराल से आता है। भाटे के कारण पानी दूर चला जाता है जबकि ज्वार की वजह से पानी वापस भर जाता है। | ||
*रेत के टीलों और हरे-हरे कैस्यूराइना के पेड़ों की समुद्र तट पर उपस्थित, चांदीपुर समुद्र तट की मनोरम प्राकृतिक सुंदरता में चार चाँद लगा देती है। | *रेत के टीलों और हरे-हरे कैस्यूराइना के पेड़ों की समुद्र तट पर उपस्थित, चांदीपुर समुद्र तट की मनोरम प्राकृतिक सुंदरता में चार चाँद लगा देती है। |
१४:२९, २६ अप्रैल २०१८ के समय का अवतरण
चांदीपुर तट
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विवरण | 'चांदीपुर तट' पर कैस्यूराइना के पेड़ों और रेत के टीलों का नज़ारा दर्शनीय होता है। इस तट पर घूमने का रोमांच बेहद अलग है। | ||
राज्य | ओडिशा | ||
मार्ग स्थिति | कलकत्ता-कटक के रास्ते पर बालासोर या बालेश्वर नाम का एक कस्बा है। बालेश्वर से 16 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है। | ||
संबंधित लेख | समुद्री बीच, बाराबती क़िला | विशेष | यह रहस्यमयी समुद्र तट प्रकृति के आश्चर्यों में से एक है। कुछ ही मिनटों के भीतर समुद्र तट का पानी घट जाता है और फिर दो मिनट में ही समुद्र तट पर बाढ़ जैसे नज़ारे की अद्भुत घटना एक बार अनुभव करने के लायक है। ऐसा दिन में दो बार ज्वार-भाटे के कारण होता है जो एक निश्चित समय के अंतराल से आता है। भाटे के कारण पानी दूर चला जाता है जबकि ज्वार की वजह से पानी वापस भर जाता है। |
अद्यतन | 19:57, 26 अप्रॅल 2018 (IST)
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चांदीपुर तट, उड़ीसा राज्य के बालेश्वर से 16 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है। 'चांदीपुर तट' पर कैस्यूराइना के पेड़ों और रेत के टीलों का नज़ारा दर्शनीय होता है। इस तट पर घूमने का रोमांच बेहद अलग है।
- यह रहस्यमयी समुद्र तट प्रकृति के आश्चर्यों में से एक है। कुछ ही मिनटों के भीतर समुद्र तट का पानी घट जाता है और फिर दो मिनट में ही समुद्र तट पर बाढ़ जैसे नज़ारे की अद्भुत घटना एक बार अनुभव करने के लायक है। ऐसा दिन में दो बार ज्वार-भाटे के कारण होता है जो एक निश्चित समय के अंतराल से आता है। भाटे के कारण पानी दूर चला जाता है जबकि ज्वार की वजह से पानी वापस भर जाता है।
- रेत के टीलों और हरे-हरे कैस्यूराइना के पेड़ों की समुद्र तट पर उपस्थित, चांदीपुर समुद्र तट की मनोरम प्राकृतिक सुंदरता में चार चाँद लगा देती है।
- यहाँ से दो किमी दूर बलरामगढ़ी है जहाँ पर बुधबलंग नदी सागर में मिलती है।
- यहाँ पर आकर मछुवारों की नाव में सैर करने का अपना अलग ही मजा है।
- कलकत्ता-कटक के रास्ते पर बालासोर या बालेश्वर नाम का एक कस्बा है। चांदीपुर वहां से आठ मील पूर्व की ओर समुद्र-किनारे बसा हुआ है।
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