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+विश्व व्यापार संगठन की स्थापना | +विश्व व्यापार संगठन की स्थापना | ||
− | ||बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के 8वें एवं अंतिम चक्र का प्रारंभ दिसंबर, 1986 में पुंटा-डेल-एस्टे, उरुग्वे में हुआ। अंतिम रूप से उरुग्वे समझौते पर अप्रैल, 1994 में मराकेश (मोरक्को) में हस्ताक्षर किए गए। इसी समझौते पर 1 जनवरी, 1995 को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की गई। | + | ||बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के 8वें एवं अंतिम चक्र का प्रारंभ [[दिसंबर]], 1986 में पुंटा-डेल-एस्टे, उरुग्वे में हुआ। अंतिम रूप से उरुग्वे समझौते पर [[अप्रैल]], 1994 में मराकेश (मोरक्को) में हस्ताक्षर किए गए। इसी समझौते पर [[1 जनवरी]], [[1995]] को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की गई। |
{निम्न में से किस देश में नौकरशाही की शुरुआत 'लूट प्रथा' के रूप में हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-40 | {निम्न में से किस देश में नौकरशाही की शुरुआत 'लूट प्रथा' के रूप में हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-40 | ||
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-[[भारत]] | -[[भारत]] | ||
-[[फ्रांस]] | -[[फ्रांस]] | ||
− | ||[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नागरिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की शुरुआत वर्ष 1871 में हुई। 19वीं सदी के शुरुआती दौर में उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियां राष्ट्रपति की इच्छा तथा आज्ञा से होती थीं तथा नियुक्त नौकरशाहों को किसी भी समय सेवामुक्त कर दिया जाता था। नौकरशाही की इस लूट प्रणाली को राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से उपयोग किया गया। इसी समस्या के समाधनार्थ पेंडलेटन सिविल सेवा सुधार अधिनियम, 1883 तथा हैच अधिनियम, 1939 बना। | + | ||[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नागरिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की शुरुआत वर्ष 1871 में हुई। 19वीं सदी के शुरुआती दौर में उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियां [[राष्ट्रपति]] की इच्छा तथा आज्ञा से होती थीं तथा नियुक्त नौकरशाहों को किसी भी समय सेवामुक्त कर दिया जाता था। नौकरशाही की इस लूट प्रणाली को राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से उपयोग किया गया। इसी समस्या के समाधनार्थ पेंडलेटन सिविल सेवा सुधार अधिनियम, 1883 तथा हैच अधिनियम, 1939 बना। |
− | {निम्न में से कौन-सा युग्म | + | {निम्न में से कौन-सा युग्म ग़लत है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-23 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
-फ्रांस-संवैधानिक परिषद | -फ्रांस-संवैधानिक परिषद | ||
-स्विट्जरलैंड- लैंड्सजीमाइंड | -स्विट्जरलैंड- लैंड्सजीमाइंड | ||
-चीन- केंद्रीय सैन्य आयोग | -चीन- केंद्रीय सैन्य आयोग | ||
− | + | + | +अमेरिका- एक बार स्पीकर, सदैव स्पीकर |
− | ||[[फ्रांस]] में संवैधानिक परिषद को सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारिता प्राप्त है। स्विट्जरलैंड में लैंड्सजीमाइंड (कैंटोनल असेंबली) प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक प्राचीनतम प्रकार है। केंद्रीय सैन्य आयोग का गठन | + | ||[[फ्रांस]] में संवैधानिक परिषद को सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारिता प्राप्त है। स्विट्जरलैंड में लैंड्सजीमाइंड (कैंटोनल असेंबली) प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक प्राचीनतम प्रकार है। केंद्रीय सैन्य आयोग का गठन 18 जून, 1983 को [[चीन]] में किया गया। [[अमेरिका]] में स्पीकर का चुनाव बहुमत द्वारा होता है, एक बार स्पीकर, सदैव स्पीकर नहीं होता है। |
{'इंट्रोडक्शन टू दि स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-19 | {'इंट्रोडक्शन टू दि स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-19 | ||
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+एल.डी. व्हाइट | +एल.डी. व्हाइट | ||
-वुड्रो विल्सन | -वुड्रो विल्सन | ||
− | ||'इंट्रोडक्शन टू दि स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक लेनॉर्ड डी. व्हाइट हैं। यह पुस्तक उनके मृत्यु वर्ष 1958 में प्रकाशित | + | ||'इंट्रोडक्शन टू दि स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक लेनॉर्ड डी. व्हाइट हैं। यह पुस्तक उनके मृत्यु वर्ष 1958 में प्रकाशित हुई। यह पुस्तक उनके सहयोगी जीन श्निडर (Jean schneider) द्वारा प्रकाशित की गई। |
{"संकल्प न कि शक्ति राज्य का आधार है" किसने कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-44 | {"संकल्प न कि शक्ति राज्य का आधार है" किसने कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-44 |
११:५६, २३ जनवरी २०१८ का अवतरण
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