"आमेर का क़िला जयपुर" के अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | [[चित्र:Amber-Fort-Jaipur-2.jpg|thumb| | + | [[चित्र:Amber-Fort-Jaipur-2.jpg|thumb|300px|आमेर का क़िला, [[जयपुर]]<br /> Amber Fort, Jaipur]] |
*[[जयपुर]] शहर, राजस्थान की राजधानी से 11 कि.मी. दूर अरावली पर्वतमाल पर स्थित आमेर का क़िला [[राजपूत]] वास्तुकला का अद़भुत उदाहरण है। | *[[जयपुर]] शहर, राजस्थान की राजधानी से 11 कि.मी. दूर अरावली पर्वतमाल पर स्थित आमेर का क़िला [[राजपूत]] वास्तुकला का अद़भुत उदाहरण है। | ||
*आमेर का क़िला [[दिल्ली]] - जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाडियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता खड़ा हुआ है। | *आमेर का क़िला [[दिल्ली]] - जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाडियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता खड़ा हुआ है। | ||
पंक्ति १४: | पंक्ति १४: | ||
*रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें। | *रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें। | ||
− | + | {{लेख प्रगति | |
− | + | |आधार= | |
− | | | + | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |
− | | | + | |माध्यमिक= |
+ | |पूर्णता= | ||
+ | |शोध= | ||
+ | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | |||
− | |||
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | {{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | ||
− | + | ||
[[Category:राजस्थान]] | [[Category:राजस्थान]] | ||
[[Category:जयपुर के पर्यटन स्थल]] | [[Category:जयपुर के पर्यटन स्थल]] |
०५:२०, ३ अक्टूबर २०१० का अवतरण
- जयपुर शहर, राजस्थान की राजधानी से 11 कि.मी. दूर अरावली पर्वतमाल पर स्थित आमेर का क़िला राजपूत वास्तुकला का अद़भुत उदाहरण है।
- आमेर का क़िला दिल्ली - जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाडियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता खड़ा हुआ है।
- प्राचीन काल में अम्बावती और अम्बिबकापुर के नाम से आमेर कछवाह राजाओं की राजधानी रहा है।
- आमेर क़िले के राजमहलों का निर्माण मिर्जा राजा मानसिंह ने करवाया था।
- सवाई जयसिंह ने इसमें कुछ नये भवनों का निर्माण करवाया।
- हिन्दू और फारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है।
- दीवान ए आम या जनता के दरबार का कक्ष महल के अंदर है और दीवान एक ख़ास या निजी श्रोताओं का कमरा और सुख निवास भी महल के अंदर है जहाँ वातानुकूलन के प्रयोजन हेतु पानी के झिरियों से गुजरती हुई ठण्डी हवा बहती है।
- महल के मुख्य द्वार के बाहर कछवाहा राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है।
- महल मे घुसते ही 20 खम्भों का राजपूत भवन शैली पर सफेद संगमरमर व लाल पत्थर का बना दीवाने आम है।
- दीवाने ख़ास और शीश महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केन्द्र है।
- महल में मावठा झील से आती ठण्डी हवाओं का आनन्द लेने के लिये सुख निवास भी स्थित है।
- रानियों के लिये अनेक निजी कक्ष भी निर्मित है।
- रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें।
|
|
|
|
|