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||[[भारत]] में कलेक्टर पद का सृजन वर्ष 1772 में वारेन हेस्टिंग्स ने किया था। भारत में जिला प्रशासन ब्रिटिश राज की देन है।
  
 
{[[संसद]] में '[[शून्य काल]]' का क्या अर्थ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-20
 
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+प्रश्नकाल एवं अन्य कार्यों में प्रारंभ होने के समय के बीच की अवधि
 
+प्रश्नकाल एवं अन्य कार्यों में प्रारंभ होने के समय के बीच की अवधि
 
-सरकारी पक्ष को प्रदत्त समय जिसमें वह सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देता है
 
-सरकारी पक्ष को प्रदत्त समय जिसमें वह सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देता है
-संसद के एक अधिवेशन और आगामी अधिवेशन के बीच का समय
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-[[संसद]] के एक अधिवेशन और आगामी अधिवेशन के बीच का समय
 
-कार्य स्थगम प्रस्ताव हेतु  निर्धारित समय
 
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{संविधान निर्मात्री परिषद के वैधानिक परामर्शदाता थे- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-161,प्रश्न-146
 
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-[[भीमराव अंबेडकर|डॉ. भीमराव अंबेडकर]]
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+बी.एन. राव
 
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-[[सरदार बल्लभ भाई पटेल|सरदार बल्लभभाई पटेल]]
||संविधान निर्मात्री परिषद (संविधान सभा) के वैधानिक परामर्शदाता (सांविधानिक सलाहकार) बी.एन. राव ने ही संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया था, जिस पर विचार एवं पेरिवर्तन करके प्रारूप समिति द्वारा संविधान सभा के समक्ष संविधान का मसौदा प्रस्तुत किया गया
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||संविधान निर्मात्री परिषद (संविधान सभा) के वैधानिक परामर्शदाता (सांविधानिक सलाहकार) बी.एन. राव ने ही [[संविधान]] का पहला प्रारूप तैयार किया था, जिस पर विचार एवं पेरिवर्तन करके प्रारूप समिति द्वारा संविधान सभा के समक्ष संविधान का मसौदा प्रस्तुत किया गया।
  
 
{संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन रहता हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-174,प्रश्न-211
 
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-केंद्रीय गृहमंत्री
 
-केंद्रीय गृहमंत्री
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||अनुच्छेद 316 (1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। आयोग के किसी भी सदस्य की सेवा शर्तों में उसकी नियुक्ति के उपरांत अलाभकारी परिवर्तन नहीं किए जा सकते हैं।
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||अनुच्छेद 316 (1) के अनुसार, [[संघ लोक सेवा आयोग]] के [[अध्यक्ष]] और अन्य सदस्यों की नियुक्ति [[राष्ट्रपति]] द्वारा की जाती है। [[आयोग]] के किसी भी सदस्य की सेवा शर्तों में उसकी नियुक्ति के उपरांत अलाभकारी परिवर्तन नहीं किए जा सकते हैं।
  
 
{इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-21
 
{इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-21
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||पॉलिटिक्स: हू गेट्स, व्हाट एंड हाउ? पुस्तक के लेखक हेरोल्ड लॉस्वेल हैं।
 
||पॉलिटिक्स: हू गेट्स, व्हाट एंड हाउ? पुस्तक के लेखक हेरोल्ड लॉस्वेल हैं।
  
{निम्नलिखित में से किसने सर्वोच्च न्यायालय को कांग्रेस का तृतीय सदन कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-24
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{निम्नलिखित में से किसने [[सर्वोच्च न्यायालय]] को कांग्रेस का तृतीय सदन कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-24
 
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||अमेरिका में न्यायिक सर्वोच्चता के सिद्धांत को अपनाया गया है जिससे वहां सर्वोच्च न्यायालय को काफी विस्तृत शक्तियां प्रदान की गई है। विधि की उचित प्रक्रिया के आधार पर उसे न्यायिक पुनरावलोकन की विस्तृत शक्ति प्राप्त है जिसके द्वारा वह कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के द्वारा बनाए गए कानूनों का परीक्षण कर सकता है। इसी संदर्भ में लास्की ने इसे 'कांग्रेस का तृतीय सदन' कहा है। इसके अलावा लास्की इसे तृतीय सदन या सुपर चेम्बर की भी संज्ञा देते हैं। ज्ञातव्य है कि लास्की ब्रिटेन के प्रमुख राजनीतिक सिद्धांतकार, अर्थशास्त्री तथा प्रवक्ता थे। इनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार है- अथॉरिटी इन मॉडर्न स्टेट, ए ग्रामर ऑफ़ पॉलिटिक्स, लिबर्टी इन मॉडर्न स्टेट तथा दि अमेरिकन प्रेसीडेंसी।
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||[[अमेरिका]] में न्यायिक सर्वोच्चता के सिद्धांत को अपनाया गया है जिससे वहां [[सर्वोच्च न्यायालय]] को काफी विस्तृत शक्तियां प्रदान की गई है। विधि की उचित प्रक्रिया के आधार पर उसे न्यायिक पुनरावलोकन की विस्तृत शक्ति प्राप्त है जिसके द्वारा वह कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के द्वारा बनाए गए कानूनों का परीक्षण कर सकता है। इसी संदर्भ में लास्की ने इसे 'कांग्रेस का तृतीय सदन' कहा है। इसके अलावा लास्की इसे तृतीय सदन या सुपर चेम्बर की भी संज्ञा देते हैं। ज्ञातव्य है कि लास्की [[ब्रिटेन]] के प्रमुख राजनीतिक सिद्धांतकार, अर्थशास्त्री तथा प्रवक्ता थे। इनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार है- अथॉरिटी इन मॉडर्न स्टेट, ए ग्रामर ऑफ़ पॉलिटिक्स, लिबर्टी इन मॉडर्न स्टेट तथा दि अमेरिकन प्रेसीडेंसी।
  
 
{फ्रांसीसी और अमेरिकी क्रांतियों ने किस अवधारणा का समर्थन किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-115,प्रश्न-32
 
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-वैधिक अधिकार
 
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-संवैधानिक अधिकार
 
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||फ्रांसीसी और अमेरिकी क्रांतियां, दोनों ही ऐसे विचारों एवं आदर्शों की उपज थीं जिन्होंने प्राकृतिक तथा समानता के अधिकारों के आधार पर देश तथा समाज की उन्नति की मांग की थी।
 
||फ्रांसीसी और अमेरिकी क्रांतियां, दोनों ही ऐसे विचारों एवं आदर्शों की उपज थीं जिन्होंने प्राकृतिक तथा समानता के अधिकारों के आधार पर देश तथा समाज की उन्नति की मांग की थी।
  
{संयुक्त राष्ट्र संघ स्थापित हुआ था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-24  
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+24 अक्टूबर, 1945 को
 
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||संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। इसकी संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन) द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में 193 देश इसके सदस्य हैं इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है।
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||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। इसकी संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश ([[संयुक्त राज्य अमेरिका]], [[फ्रांस]], [[रूस]] और [[ब्रिटेन]]) द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में 193 देश इसके सदस्य हैं इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है।
  
 
{'कंफेशन' नामक पुस्तक के रचियता हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-205,प्रश्न-32
 
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||कन्फेशन रूसो की पुस्तक है।
 
||कन्फेशन रूसो की पुस्तक है।
  
{संसद की कार्यवाही में 'शून्य काल' का अर्थ है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-21
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{[[संसद]] की कार्यवाही में '[[शून्य काल]]' का अर्थ है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-21
 
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-समय जिसमें सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं।
 
-समय जिसमें सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं।

१२:३९, ९ मार्च २०१८ का अवतरण

1 शीत युद्ध का अर्थ है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-115,प्रश्न-30

शीतकाल में लड़ा जाने वाला युद्ध
महाशक्तियों के बीच तनावपूर्ण संबंध
दो पड़ोसी राष्ट्रों के मध्य वैमनस्य
सियाचिन में लड़ा जाने वाला युद्ध

2 निम्नलिखित में से किसने भारत में कलेक्टर के पद सृजन किया था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-131,प्रश्न-19

डलहौजी
कर्जन
वारेन हेस्टिंग्स
रिपन

3 संसद में 'शून्य काल' का क्या अर्थ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-20

प्रश्नकाल एवं अन्य कार्यों में प्रारंभ होने के समय के बीच की अवधि
सरकारी पक्ष को प्रदत्त समय जिसमें वह सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देता है
संसद के एक अधिवेशन और आगामी अधिवेशन के बीच का समय
कार्य स्थगम प्रस्ताव हेतु निर्धारित समय

4 संविधान समीक्षा हेतु बनाई गई नवीनतम (अब तक की अंतिम) अमिति के अध्यक्ष कौन थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-152,प्रश्न-90

जस्टिम नानावती
जस्टिस वैंक्टचलैया
जस्टिस पाठक
जस्टिस खरे

5 संविधान निर्मात्री परिषद के वैधानिक परामर्शदाता थे- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-161,प्रश्न-146

डॉ. भीमराव अंबेडकर
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
बी.एन. राव
सरदार बल्लभभाई पटेल

6 संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन रहता हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-174,प्रश्न-211

केंद्रीय गृहमंत्री
संसद
राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री

7 इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-21

एल.डी. ह्वाइट
डब्लू.एफ. विलोबी
हेनरी फेयोल
ऊरविक

8 निम्नलिखित में से किसने सर्वोच्च न्यायालय को कांग्रेस का तृतीय सदन कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-24

लास्की
जेफरसन
जैक्सन
लिंटन

9 फ्रांसीसी और अमेरिकी क्रांतियों ने किस अवधारणा का समर्थन किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-115,प्रश्न-32

प्राकृतिक अधिकार
वैधिक अधिकार
संवैधानिक अधिकार
बाइबिल में उल्लिखित अधिकार

10 संयुक्त राष्ट्र संघ स्थापित हुआ था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-24

24 अगस्त, 1943 को
24 अगस्त, 1945 को
24 अगस्त, 1949 को
24 अक्टूबर, 1945 को

11 'कंफेशन' नामक पुस्तक के रचियता हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-205,प्रश्न-32

लॉक
मॉन्टेस्क्यू
रूसो
लेनिन

12 संसद की कार्यवाही में 'शून्य काल' का अर्थ है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-21

समय जिसमें सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं।
प्रश्नकाल के बाद का 1 घंटे के समय जिसमें कोई कार्य सूची नहीं निश्चित रहती है।
किसी दिवस के निश्चित कार्य सूची की समाप्ति के बाद का 1 घंटे का समय।
भोजन अवकाश का समय

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