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||[[संयुक्त राष्ट्र]] को मुख्यत: लीग ऑफ़ नेशंस (League of Nations) का परवर्ती रूप माना जाता है। प्रथम विश्व युद्ध के बाद 'राष्ट्र संघ' (League of Nations) नामक संस्था की स्थापना की गई परंतु द्वितीय विश्व शुद्ध  के बाद इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन की असफलता ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को समतापूर्ण और न्यायोचित बनाने के लिए 24 अक्टूबर, 1945 को [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] (United Nations) की स्थापना की।
 
||[[संयुक्त राष्ट्र]] को मुख्यत: लीग ऑफ़ नेशंस (League of Nations) का परवर्ती रूप माना जाता है। प्रथम विश्व युद्ध के बाद 'राष्ट्र संघ' (League of Nations) नामक संस्था की स्थापना की गई परंतु द्वितीय विश्व शुद्ध  के बाद इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन की असफलता ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को समतापूर्ण और न्यायोचित बनाने के लिए 24 अक्टूबर, 1945 को [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] (United Nations) की स्थापना की।
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{निम्नलिखित में से कौन नौकरशाही का लक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-38
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-स्थायित्व
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-तटस्थता
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+अक्षमता
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||स्थायित्व, तटस्थता तथा अनामता नौकरशाही की विशेषताएं हैं जनकि अक्षमता नौकरशाही का लक्षण नहीं है।
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{ब्रिटिश युग में कौन-सा प्रशासनिक सुधार आयोग नहीं बना? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-20
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-ऐचिसन आयोग
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-ली आयोग
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+माउंटबेटन आयोग
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-इस्लिंगटन आयोग
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||[[भारत]] में प्रशासनिक सुधार के दृष्टिकोण से ब्रिटिश शासन के दौरान ऐचिसन आयोग (1886), ली आयोग (1923) तथा इस्लिंगटन आयोग (1912) बनाए गए जबकि माउंटबेटन योजना वर्ष 1947 में भारत विभाजन से संबंधित है।
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{'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-17
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-ओपनहिमर
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+मार्गेन्थाउ
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-महेंन्द्र कुमार
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-एम.एस. राजन
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||'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस': दि स्ट्रगल फॉर पॉवर एंड पीस' हैंस मार्गेन्थाउ (Hans Morgenthau) द्वारा लिखित है, जो वर्ष 1948 में प्रकाशित हुई।
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{"राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है"। इस उद्धधरण के लेखक (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-11,प्रश्न-42
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-प्लेटो हैं
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+अरस्तू हैं
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-अज्ञात यूनानी विचारक हैं
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-सोफिस्ट हैं
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||"राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है" इस उद्धरण के लेखक [[अरस्तू]] हैं। आत्म-निर्भर जीवन का आशय राज्य या राजनीतिक समुदाय का लक्ष्य उच्चतम आदेशों की प्राप्ति से है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अपने प्रारंभिक उत्तर प्रत्रक में इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (d) को माना है जो कि गलत है।
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{विधिक संप्रभुता और राजनीतिक संप्रभुता में अंतर बतलाया है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-17
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-जॉन लॉक ने
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-जॉन ऑस्टिन ने
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+ए.बी. डायसी ने
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-हैरोल्ड जे. लास्की ने
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||सर्वप्रथम ए.बी. डायसी ने विधिक संप्रभुता एवं राजनीतिक संप्रभुता में अंतर, लोकतंत्रीय शासन प्रणाली के संदर्भ में बताया, जहां विधिक संप्रभु (संसद) राजनीतिक संप्रभु (निर्वाचक-गणों) की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है।
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{निवेश, निर्गम और पुनर्निवेश शब्दों का प्रयोग किसकी व्याख्या में होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-27
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-अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की व्याख्या में
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-राजनैतिक दलों की व्याख्या में
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-दबाव समूहों की व्याख्या में
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+राजनैतिक व्यवस्था की व्याख्या में
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||निवेश, निर्गम और पुनर्निवेश शब्दों का प्रयोग राजनैतिक व्यवस्था की व्याख्या करने हेतु होता है। राजनीतिक प्रणाली की संकल्पना आधुनिक राजनीतिक विश्लेषण की देन है।
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{निम्नांकित में से कौन-सी विशेषता फॉसीवाद में पाई जाती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-19
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+प्रजातंत्र का विरोधी है
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-राज्य को साधन मानता है
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-समाजवाद का पोषक है
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-अंतर्राष्ट्रीय शांति का अग्रदूत है
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||फॉसीवाद प्रजातंत्र का विरोधी है। फॉसीवाद का मानना है कि फ्रांसीसी क्रांन्ति के बाद लोकतंत्रवाद आया और वास्तविक रूप से जनता के शासन की स्थापना न कर सका। लोकतंत्र में सत्ता कुछ चतुर और स्वार्थी लोगों के हाथों में केंद्रीत हो गई। इसलिए फॉसीवाद लोकतंत्र को भ्रष्ट, काल्पनिक तथा अव्यावहारिक शासन व्यवस्था मानता है। फॉसीवाद प्रजातंत्र की तुलना शव के करता है। ये [[संसद]] को 'बातों की दुकाने' तथा बहुमत के शासन को उलूकों की व्यवस्ता कहकर उपहास उड़ाते हैं। मुसोलिनी प्रजातंत्र की व्याख्या इस प्रकार करते है" यह समय-समय पर लोगों को जनता की संप्रभुता का झूठा आभास देती रहती है जबकि वास्तविक तथा प्रभावशाली संप्रभुता अदृश्य, गुप्त तथा अनुत्तरदायी हाथों में रहते है।"
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{[[कौटिल्य]] का मंडल सिद्धांत किससे संबंधित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-22
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-प्रशासन
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+विदेश नीति
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-आर्थिक नीति
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-न्यायिक नीति
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||[[कौटिल्य]] के मंडल सिद्धांत का संबंध विदेश नीति से है।
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{डायसी ने निम्न में से किस अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-30
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+विधि का शासन
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-ब्रिटिश सम्राट का शासन
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-धार्मिक विधि
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-विधि का अमूर्तन
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||विख्यात ब्रिटिश न्यायवेत्ता ए.वी. डायसी ने 'विधि के शासन' की अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या प्रस्तुत की है। डायसी ने अपनी कृति 'इंट्रोडक्शन टु द स्टडी ऑफ द लॉफ ऑफ़ द कांस्टीट्यूशन' में [[इंग्लैंड]] के संविधान को 'विधि के शासन' की संज्ञा दी है, जो आगे चलकर सांविधानिक शासन का प्रमाण बन गया।
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{जी-15 देशों के प्रथम शिखर सम्मेलन, 1990 का स्थल था: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-18
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-[[नई दिल्ली]]
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+कुआल्लालम्पुर
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-इस्लामाबाद
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-ढाका
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||जी-15 का गठन बेलग्रेड में सितंबर, 1989 में आयोजित हुए गुट-निरपेक्ष आंदोलन के 9वें शिखर सम्मेलन में किया गया था। इसका उद्देश्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग तथा उत्तर-दक्षिण संवाद स्थापित करना है। जी-15 देशों का प्रथम शिखर सम्मेलन [[मलेशिया]] की राजधानी [[कुआलालम्पुर]] में 1-3 जून, 1990 को आयोजित हुआ। प्रारंभ में जी-15 में 15 सदस्य थे लेकिन वर्तमान में 17  सदस्य हैं।
  
 
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१२:११, ९ जनवरी २०१८ का अवतरण

1 जनमत निर्माण के साधन हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-49,प्रश्न-27

प्रेस
राजनीतिक दल
दूरदर्शन
उपर्युक्त सभी

2 'विधि के शासन' की आधुनिक संकल्पना को निरूपित करने का श्रेय दिया जाता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-29

अरस्तू को
मांटेस्क्यू को
ए.वी. डायसी को
हेरोल्ड लास्की को

3 जब 1967 में आसियान की स्थापना हुई निम्नलिखित में से कौन-सा देश इसका सदस्य नहीं था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-17

मलेशिया
सिंगापुर
लाओस
फिलीपींस

4 संयुक्त राष्ट्र को मुख्यत: किस संगठन का परवर्ती रूप माना जा सकता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-20

लीग ऑफ़ ऑल नेशन्स
लीग ऑफ़ यूरोपियन नेशन्स
लीग ऑफ़ यूरोपियन एशियन नेशन्स
लीफ ऑफ़ नेशंस

5 निम्नलिखित में से कौन नौकरशाही का लक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-38

स्थायित्व
तटस्थता
अक्षमता
अनामता

6 ब्रिटिश युग में कौन-सा प्रशासनिक सुधार आयोग नहीं बना? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-20

ऐचिसन आयोग
ली आयोग
माउंटबेटन आयोग
इस्लिंगटन आयोग

7 'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-17

ओपनहिमर
मार्गेन्थाउ
महेंन्द्र कुमार
एम.एस. राजन

8 "राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है"। इस उद्धधरण के लेखक (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-11,प्रश्न-42

प्लेटो हैं
अरस्तू हैं
अज्ञात यूनानी विचारक हैं
सोफिस्ट हैं

9 विधिक संप्रभुता और राजनीतिक संप्रभुता में अंतर बतलाया है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-17

जॉन लॉक ने
जॉन ऑस्टिन ने
ए.बी. डायसी ने
हैरोल्ड जे. लास्की ने

10 निवेश, निर्गम और पुनर्निवेश शब्दों का प्रयोग किसकी व्याख्या में होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-27

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की व्याख्या में
राजनैतिक दलों की व्याख्या में
दबाव समूहों की व्याख्या में
राजनैतिक व्यवस्था की व्याख्या में

11 निम्नांकित में से कौन-सी विशेषता फॉसीवाद में पाई जाती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-19

प्रजातंत्र का विरोधी है
राज्य को साधन मानता है
समाजवाद का पोषक है
अंतर्राष्ट्रीय शांति का अग्रदूत है

12 कौटिल्य का मंडल सिद्धांत किससे संबंधित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-22

प्रशासन
विदेश नीति
आर्थिक नीति
न्यायिक नीति

13 डायसी ने निम्न में से किस अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-30

विधि का शासन
ब्रिटिश सम्राट का शासन
धार्मिक विधि
विधि का अमूर्तन

14 जी-15 देशों के प्रथम शिखर सम्मेलन, 1990 का स्थल था: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-18

नई दिल्ली
कुआल्लालम्पुर
इस्लामाबाद
ढाका

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