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*[http://www.livehindustan.com/news/national/article1-isro-launched-104-satellite-from-sriharikota%C2%A0-705043.html लाइव हिन्दुस्तान]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/national/article1-isro-launched-104-satellite-from-sriharikota%C2%A0-705043.html लाइव हिन्दुस्तान]
 
*[http://aajtak.intoday.in/story/isro-makes-history-will-launch-104-satellite-in-a-row-1-912311.html आजतक]
 
*[http://aajtak.intoday.in/story/isro-makes-history-will-launch-104-satellite-in-a-row-1-912311.html आजतक]
==सिंधु ने जीता चाइना ओपन ख़िताब==
 
; 20 नवंबर, 2016
 
[[चित्र:PV-Sindhu-China-Open-Series-winner.jpg|thumb|[[पी.वी. सिंधु|पीवी सिंधु]] ने चाइना ओपन ख़िताब के साथ]]
 
रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने के बाद [[पी.वी. सिंधु|पीवी सिंधु]] ने चाइना ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में चीन की सुन यू को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराकर पहला सुपर सीरीज ख़िताब अपने नाम किया। यह खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी ख़ास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर कब्जा किया था। सिंधु से पहले अब तक भारत की [[साइना नेहवाल]] और मलेशिया की मी चुंग वॉन्ग ही ऐसी गैर-चीनी खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता था। सिंधु ने सुन यू को 21-11, 17-21 और 21-11 से हराया। किसी बड़े टूर्नामेंट में यह लगातार तीसरे साल हुआ है, जब कोई भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल खेली है, जबकि इनमें आमतौर पर चीनी खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है। साल 2014 में साइना नेहवाल ने यह टूर्नामेंट जीता था, लेकिन 2015 में वह रनर अप रहीं थीं। इस प्रकार पीवी सिंधु चाइना ओपन जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
* [http://www.bbc.com/hindi/sport-38042347 बीबीसी हिन्दी]
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/opinion/editorial/pv-sindhu-win-in-china-open-super-series/articleshow/55548668.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/sports/pv-sindhu-subdues-sun-yu-to-clinch-china-open-her-maiden-super-series-title-1627770 एनडीटीवी]
 
*[http://www.bhaskar.com/news/MP-OTH-MAT-latest-rau-news-045503-1420864-NOR.html दैनिक भास्कर]
 
  
==500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण==
 
[[चित्र:500-1000-rupee-notes.jpg|right|200px]]
 
; 8 नवंबर, 2016
 
[[8 नवंबर]], [[2016]] को भारतीय प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 500 और 1000 के नोटों को उसी रात 12 बजे से बंद किए जाने की घोषणा की। यानी 9 नवंबर से कुछ तय जगहों (पेट्रोल पंप, अस्पताल, रेलवे स्टेशन इत्यादि) को छोड़कर देश में कहीं भी 500 और 1000 के नोटों से लेन-देन पर रोक लग गई। इन जगहों पर भी इन नोटों के प्रयोग को तय समय सीमा (अब 24 नवंबर) तक ही इजाजत दी गई है। जिन लोगों के पास 500 और 1000 के नोट पड़े हैं वो उन्हें 30 दिसंबर तक देश के किसी भी बैंक या डाकघर में जाकर बदल सकते हैं या अपने खातों में जमा कर सकते हैं। सरकार ने पुराने नोटों की जगह 500 और 2000 के नए नोट जारी किए हैं जो लोगों को बैंकों और एटीएम के माध्यम से मिलने शुरू हो गए हैं। हालांकि लेन-देन के पूरी तरह सामान्य होने में कुछ हफ्ते और लगेंगे। इस फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरबीआई के वर्तमान गवर्नर [[उर्जित पटेल]] का समर्थन हासिल है। उर्जित पटेल ने पीएम मोदी के फैसले को “बहुत साहसिक कदम” बताया है। हालांकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर [[रघुराम राजन]] विमुद्रीकरण को कालाधन बाहर लाने के लिए ज्यादा कारगर नहीं मानते हैं। कई अन्य विशेषज्ञों ने भी इस कदम पर सवाल उठाए हैं। [[भारतीय सांख्यिकी संस्थान]], [[कोलकाता]] के प्रोफेसर अभिरूप सरकार के अनुसार कालाधन रखने वाले ज्यादातर लोग अपने पैसे विदेशी बैंकों में रखते हैं इसलिए देश में विमुद्रीकरण करने से ज्यादा बड़े मछलियों का कुछ नहीं बिगड़ेगा। आरबीआई के अनुसार [[31 मार्च]] [[2016]] तक [[भारत]] में 16.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बाजार में थे जिसमें से करीब 14.18 लाख रुपये 500 और 1000 के नोटों के रूप में थे। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कुल देश में तब तक मौजूद कुल 9026 करोड़ नोटों में करीब 24 प्रतिशत नोट (करीब 2203 करोड़ रुपये) ही प्रचलन में थीं।<ref>{{cite web |url=http://www.jansatta.com/national/demonetization-in-hindi-what-is-demonetization-what-are-different-ways-of-demonetization-and-demonetization-in-india-by-pm-modi-explained/184774/|title=जानिए क्या है विमुद्रीकरण, क्यों लेती हैं सरकारें इसका फैसला और अब तक भारत में कब-कब ऐसा हुआ है? |accessmonthday=20 नवंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जनसत्ता डॉट कॉम|language=हिन्दी }}</ref>
 
==भारत ने कबड्डी विश्व कप जीता==
 
; 22 अक्टूबर, 2016
 
[[चित्र:Indian-Kabaddi-Team-Won-Kabaddi-World-Cup.jpg|thumb|विश्व विजेता भारतीय कबड्डी टीम]] 
 
[[अहमदाबाद]] के द एरेना बाय ट्रांसस्टेरिडया में खेले गए कबड्डी विश्वकप के फाइनल में [[शनिवार]] 22 अक्टूबर, 2016 को मेजबान भारत ने ईरान को नौ अंकों के अंतर से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया। मौजूदा चैम्पियन भारत ने ईरान को 38-29 से मात देते हुए लगातार तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने टीम इंडिया को जीत पर बधाई दी। भारत की जीत के हीरो दिग्गज रेडर अजय ठाकुर रहे। अजय ने पहले हाफ तक पीछे चल रही भारत को लगातार सफल रेड डालते हुए न सिर्फ बराबरी दिलाई, बल्कि अहम समय पर भारत को मजबूत किया। उन्होंने कुल 12 अंक हासिल किए। एक समय ईरान ने अपने मज़बूत डिफेंस और ज़ोरदार हमले के दम पर मध्यांतर तक 18-13 की बढ़त बना ली थी। दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में तब सन्नाटा पसरा हुआ था। ईरान के अबुल फ़ज़ल, मेराज शेख़ और ग़ुलाम अब्बास अपने रेड पर लगातार प्वाइंट अर्जित कर भारत पर दबाव बना रहे थे। लेकिन जैसे ही दूसरा हॉफ शुरू हुआ, अजय ठाकुर ने ईरान के मिराज़ को आउट कर भारत भेजा और भारतीय खेमे में नया जोश पैदा किया। इसके बाद भारतीय टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारत ने दो बार ईरान को ऑल आउट किया। '''[[कबड्डी|कबड्डी का पूरा लेख पढ़ें]]'''
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://www.bbc.com/hindi/sport-37740897 बीबीसी हिन्दी]
 
*[http://khabar.ibnlive.com/news/khel/kabaddi-world-cup-final-iran-looking-to-exact-revenge-on-india-522896.html आईबीएन ख़बर]
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/other-cities-of-punjab/haryana/kabaddi-world-cup-winning-team-member-received/articleshow/55053364.cms नवभारत टाइम्स]
 
  
==पैरा ओलंपिक 2016 में भारत के अब तक कुल 4 पदक हुए==
 
[[चित्र:Deepa-Malik.jpg|thumb|[[दीपा मलिक]]|150px]]
 
; 14 सितंबर, 2016 बुधवार
 
;दीपा मलिक ने शॉट पुट में जीता रजत, भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी
 
[[भारत]] की [[दीपा मलिक]] ने तब इतिहास रचा जब वह रियो में गोला फेंक एफ-53 में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाले देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। दीपा ने अपने छह प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ 4.61 मीटर गोला फेंका और यह रजत पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था। दीपा को इस उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने एक योजना के तहत चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
 
;भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने जीता स्वर्ण पदक, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड
 
[[चित्र:Devendra-Jhajharia.jpg|thumb|[[देवेन्द्र झाझरिया]]|150px]]
 
पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है। भाला फेंक में [[देवेन्द्र झाझरिया]] ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है।
 
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://aajtak.intoday.in/sports/story/deepa-malik-create-history-and-wins-silver-medal-at-rio-paralympics-2016-1-887417.html आजतक]
 
*[http://hindi.webdunia.com/sports-news/deepa-malik-rio-paralympic-2016-rio-paralympic-116091300003_1.html वेबदुनिया हिन्दी]
 
*[http://aajtak.intoday.in/sports/story/indias-devendra-jhajharia-wins-gold-medal-in-mens-javelin-throw-in-2016-rio-paralympics-1-887575.html आजतक]
 
  
==रियो पैरा ओलंपिक में मरियप्पन थांगवेलू ने स्वर्ण पदक और वरुण भाटी ने कांस्य पदक जीता==
 
[[चित्र:Mariyappan-Thangavelu-&-Varun-Bhati.jpg|thumb|[[मरियप्पन थंगावेलु]] (बाएँ) और [[वरुण भाटी]] (दाएँ)]]
 
; 10 सितंबर, 2016 शनिवार
 
रियो के पैरा ओलंपिक 2016 (शारीरिक रूप से अक्षम खिलाड़ियों के बीच कराई जाने वाली स्पर्धा) में [[मरियप्पन थंगावेलु]] ने [[भारत]] के लिए इस साल ऊंची कूद में पहला गोल्ड जीता है। उनके अलावा टी4 ऊंची कूद में [[वरुण भाटी]] ने कांस्य पदक जीता है। देश का नाम रोशन करने वाले इन दोनों खिलाड़ियों को न सिर्फ राजनीतिक बल्कि खेल जगत और बॉलीवुड से भी शुभकामनाएं मिली हैं। प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]], [[अमिताभ बच्चन]], आमिर खान, अनुष्का शर्मा समेत कई अभिनेताओं और खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “भारत खुश है। रियो पैरालम्पिक में मरियप्पन को स्वर्ण जीतने और भाटी को कांस्य पदक जीतने पर बधाई।”
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
* [http://www.jansatta.com/entertainment/bollywood-wished-mariyappan-thangavelu-for-the-first-gold-medal-in-rio-olympics-2016/141973/ जनसत्ता]
 
* [http://www.samacharjagat.com/news/sports/gold-medalist-mariyappam-thangavelu-proud-mother-86975 समाचार जगत डॉट कॉम ]
 
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/sports/other-sports/thangavelu-and-bhati-fought-disability-to-get-medal-in-rio-paralympics/articleshow/54264578.cms नवभारत टाइम्स]
 
==इसरो ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, लॉन्च किए 20 उपग्रह==
 
[[चित्र:Pslv-c34.jpg|thumb|250px|पीएसएलवी-C34]]
 
; बुधवार, 22 जून, 2016
 
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी '''[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |इसरो]]''' ने [[22 जून]], [[2016]] को एक साथ 20 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले [[2008]] में उसने एक साथ 10 उपग्रह लॉन्च किए थे, जो उसका अब तक का रेकॉर्ड था। संख्या के अलावा जो एक और बात इस उपलब्धि को खास बनाती है, वह है मल्टी पॉइंट डिलिवरी। इससे पहले इसरो ने जब एकाधिक उपग्रह लॉन्च किए तो वे एक ही ऊंचाई पर छोड़े गए थे। यानी वे एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी रखते हुए कमोबेश एक जैसी ही ऑरबिट में घूमते थे। यह पहला मौका है जब इसरो ने [[ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान|पीएसएलवी-C34]] के जरिए उपग्रहों को अलग-अलग ऊंचाई पर छोड़ा है। जो 20 उपग्रह छोड़े गए हैं उनमें 17 कमर्शियल हैं।
 
====17 सैटेलाइट विदेशी, तीन स्वदेशी====
 
पीएसएलवी-C34 की लॉन्चिंग [[सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र]] के दूसरे लॉन्च पैड से श्रीहरिकोटा में की गई। भारतीय समय के अनुसार पीएसएलवी C-34 की लॉन्चिंग 22 जून को सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर की गई। पीएसएलवी सी-34 के 20 सैटेलाइटों में से 17 कमर्शियल सैटेलाइट हैं। यानी 17 सैटेलाइट दूसरे देशों के हैं जिन्हें भेजने के लिए इसरो ने उन देशों से फीस ली है। इसके अलावा दो सैटेलाइट देश के दो शिक्षा संस्थानों के हैं। इस लॉन्चिंग में एक सैटेलाइट कॉर्टोसैट 2 सीरीज का इसरो का अपना है। इन 20 उपग्रहों का कुल वज़न 1288 किलोग्राम था, लेकिन उनमें अकेले कार्टोसैट-2 सीरीज उपग्रह का वजन ही 727.5 किलोग्राम है। यह उपग्रह देश में हो रहे वानस्पतिक या भूगर्भीय बदलावों पर बारीकी से नज़र रख सकेगा। मिशन को खास बनाने वाली एक और अहम बात यह है कि बाकी दो सैटलाइट [[चेन्नई]] की सत्यभामा यूनिवर्सिटी और [[पुणे]] के कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग के छात्रों ने तैयार किए हैं।
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/opinion/editorial/isro-has-set-a-new-record/articleshow/52868954.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://aajtak.intoday.in/story/isro-launches-20-sattelite-from-sriharikota-in-andhra-pradesh-1-875095.html आजतक]
 
*[http://www.patrika.com/news/bangalore/isro-launches-increase-1330982/ पत्रिका डॉट कॉम]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899 एनडीटीवी इंडिया]
 
*[http://www.haribhoomi.com/news/india/achhi-khabaren/isro-20-satellite-launched/42660.html हरिभूमि]
 
 
==साइना नेहवाल ने दूसरी बार जीता ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब==
 
[[चित्र:Saina-Nehwal-2.jpg|thumb|[[साइना नेहवाल]]]]
 
; 12 जून, 2016, रविवार
 
[[भारत]] की स्टार [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी साइना नेहवाल ने [[12 जून]], [[2016]] रविवार को एक बार फिर कमाल करते हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज पर कब्जा कर लिया। साइना का साल का यह पहला खिताब है। साइना ने दूसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया है। इससे पहले [[2014]] में भी उन्होंने यह खिताब जीता था। यह पहला मौका है जब पहली बार किसी खिलाड़ी ने दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीता है। सिडनी में खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में साइना ने चीन की सुन यू को 11-21, 21-14, 21-19 से हराया। 7.5 लाख डॉलर की इनामी राशि के टूर्नामेंट के फाइनल में साइना ने शुरुआत में लड़खड़ाने के बाद शानदार वापसी की। 70 मिनट तक चले इस मुकाबले में साइना ने अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना जीत का रेकॉर्ड और मजबूत किया। इससे पहले शनिवार को साइना ने चौथी वरीयता प्राप्त यिहान वांग को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें पायदान पर मौजूद साइना ने शनिवार को सिडनी में खेले गए मुकाबले में चीन की यिहान वांग को 21-8, 21-12 से हराया था। साइना पिछले साल 2 अप्रैल, 2015 को विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। उसने अगस्त में जकार्ता में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वह नवंबर में चाइना ओपन सुपर सीरिज प्रीमियर के फाइनल में भी पहुंची लेकिन इसके बाद चोट के कारण उसका फॉर्म गिर गया। इंडिया ओपन, मलेशिया ओपन, बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप में वह सेमीफाइनल में हारी। उसने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और जून में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गईं।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/sports/other-sports/saina-nehwal-becomes-australian-open-super-series-champion/articleshow/52712505.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://abpnews.abplive.in/sports/saina-clinches-second-australian-open-title-392653/  एबीपी न्यूज]
 
*[http://www.patrika.com/news/other-sports/saina-nehwal-wins-australian-open-super-series-title-1321699/ पत्रिका डॉट कॉम]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/sports/saina-nehwal-beats-sun-yu-of-china-to-win-womens-singles-title-in-australian-open-super-series-2016-1418141 एनडीटीवी इंडिया]
 
==भारत की अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी, लॉन्च किया स्वदेशी स्पेस शटल==
 
[[चित्र:Rlv.jpg|thumb|250px|RLV-TD  अर्थात रीयूजेबल लॉन्च वीइकल- टेक्नॉलजी डेमॉनस्ट्रेटर]]
 
; सोमवार, 23 मई, 2016
 
[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन|भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान]] (ISRO) ने सोमवार [[23 मई]], [[2016]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[श्रीहरिकोटा]] स्पेस सेंटर से पूरी तरह से [[भारत]] में बने स्पेस शटल RLV-TD को लॉन्च किया। अमेरिकी स्पेस शटल जैसा दिखने वाला ये शटल फिलहाल प्रयोग की स्थिति में है और अपने असली साइज से 6 गुना छोटा है। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के डायरेक्टर के सिवन के अनुसार, ‘RLV-TD का मुख्य लक्ष्य पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह पहुंचाना और फिर वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करना है। शटल को एक ठोस रॉकेट मोटर से ले जाया जाएगा। नौ मीटर लंबे रॉकेट का वजन 11 टन है।' इस परीक्षण के बाद इसको पूरी तरह से तैयार होने में करीब दस वर्ष तक का समय लग जाएगा। ISRO के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लागत कम करने, विश्वसनीयता कायम रखने और मांग के अनुरूप अंतरिक्ष में पहुंच बनाने के लिए एक साझा हल है। यह पहली बार है, जब इसरो ने पंखों से युक्त किसी यान का प्रक्षेपण किया है। यह यान बंगाल की खाड़ी में तट से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर उतरा।  [[भारत के प्रधानमंत्री]] [[नरेन्द्र मोदी]] ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष शटल RLV-टीडी की लॉन्चिंग हमारे वैज्ञानिकों के मेहनती प्रयासों का परिणाम है। गतिशीलता और समर्पण के साथ जो हमारे वैज्ञानिकों और इसरो ने पिछले कुछ सालों में काम किया है, वह असाधारण और बहुत ही प्रेरणादायक है।
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://www.isro.gov.in/technology-development-programmes/reusable-launch-vehicle-technology-demonstration-program-rlv-td ISRO]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/national/article1-10-facts-about-india-first-space-shuttle-rlv-td-535209.html हिन्दुस्तान लाइव]
 
*[http://aajtak.intoday.in/story/isro-launches-rlv-td-fully-made-in-india-space-shuttle-1-870346.html आजतक]
 
*[http://www.patrika.com/news/science-tech/isro-launches-first-reusable-made-in-india-space-shuttle-1304427/ पत्रिका डॉट कॉम]
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/state/other-states/bangalore/chennai/India-launches-its-own-space-shuttle-ISROs-RLV-TD-on-Monday/articleshow/52392860.cms नवभारत टाइम्स]
 
====दक्षिण अफ़्रीका में तमिल विद्वान कंडासामी कुप्पुसामी का निधन ====
 
; 14 मई, 2016, शनिवार
 
[[दक्षिण अफ़्रीका]] की सरकार को माध्यमिक स्कूलों में भाषा के तौर पर तमिल पढ़ाने के लिए राजी करने में अहम भूमिका निभाने वाले [[कंडासामी कुप्पुसामी]] का 14 मई, 2016 शनिवार को 103 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। कुप्पुसामी ने एक अध्यापक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और उस काल में भारतीय शिक्षा विभाग में स्कूलों के प्रथम निरीक्षक बने जब व्यवस्था में रंगभेद नीति मौजूद थी। कुप्पुसामी साउथ अफ्रीकन-तमिल फेडरेशन के संस्थापक सदस्य थे और सबसे अधिक समय तक इसके सदस्य रहे।
 
====समाचार निम्न स्रोत पर पढ़ें====
 
*[http://www.samacharjagat.com/news/international/Indian-Tamil-scholar-Kuppusamy-Kandasamy-died-in-South-Africa-57141 समाचार जगत डॉट कॉम]
 
====63वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्‍कारों की घोषणा; मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन और कंगना रानौत हुए सम्मानित====
 
; 3 मई, 2016, मंगलवार
 
[[चित्र:Manoj-Kumar-Dada-Sahab-Falke-Award.jpg|thumb|[[मनोज कुमार]] को [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित करते हुए महामहिम राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]]]] 
 
राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] ने [[3 मई]], [[2016]] [[मंगलवार]] को 63वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में पुरस्कार वितरित किए। इस बार के समारोह में हिन्दी फ़िल्मों और सितारों का जलवा रहा। [[अमिताभ बच्चन]] को पीकू के लिए जबकि कंगना रानौत को तनु वेडस मनु रिटर्न्स के लिए क्रमश: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। वयोवृद्ध अभिनेता [[मनोज कुमार]] को [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया।<br />
 
मनोज कुमार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार हासिल करने वाले 47वें कलाकार हैं। यह सम्मान [[भारतीय सिनेमा]] क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार है। उन्हें पुरस्कार के तौर पर एक स्वर्ण कमल, दस लाख रुपए नकद और एक शॉल भेंट की गई। उन्हें पूरब और पश्चिम, उपकार और [[क्रांति (1981 फ़िल्म)|क्रांति]] जैसी देशभक्ति फ़िल्मों के लिए जाना जाता है। मनोज कुमार ने इस मौके पर राष्ट्रपति को साईं बाबा की क्रिस्टल की प्रतिमा भेंट की। <br />
 
अमिताभ बच्चन विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में अपने बेटे [[अभिषेक बच्चन]], बहू [[ऐश्वर्या राय बच्चन]], पत्नी [[जया बच्चन]] और बेटी श्वेता नंदा के साथ पहुंचे थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के तौर पर रजत कमल और 50,000 रुपये दिए गए।  अमिताभ बच्चन का यह चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है। उन्होंने 1990 में अग्निपथ, 2005 में ब्लैक और 2009 में 'पा' के लिए यह पुरस्कार जीता था।<br />
 
कंगना रानौत का यह तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। इससे पहले वह फैशन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और साल 2015 में 'क्वीन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं। उन्हें रजत कमल और 50,000 रुपये की नकद राशि दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय स्वरूप को दर्शाने वाली फ़िल्म बनाने के लिए फ़िल्मकारों की प्रशंसा की। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि हम बहिष्कार में विश्वास नहीं करते। हम हमेशा समावेश में विश्वास करते हैं। उन्होंने एकता में अनेकता के भारतीय स्वरूप को दिखाने के लिए भारतीय सिनेमा से पूर्व से लेकर वर्तमान में जुड़े सभी लोगों का आभार प्रकट किया।
 
;सम्मानित होने वाले विजेताओं की सूची
 
* सर्वश्रेष्ठ अभिनेता : अमिताभ बच्चन (पीकू)
 
* सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: कंगना रनौत (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स)
 
* सर्वश्रेष्ठ निर्देशक : संजय लीला भंसाली (बाजीराव मस्तानी)
 
* सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म : दम लगा के हईशा
 
* सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म : बाहुबली (निर्देशक- एसएस राजामौली)
 
* सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फ़िल्म निर्देशक : नीरज घायवन (मसान)
 
* सर्वश्रेष्ठ कोरियॉग्राफ़र : रेमो डिसूजा (बाजीराव मस्तानी)
 
* सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी : सुदीप चटर्जी (बाजीराव मस्तानी)
 
* सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले : जूही चतुर्वेदी (पीकू), हिमांशु शर्मा (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स)
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://www.livehindustan.com/news/entertainment/article1-president-pranab-mukherjee-63rd-national-film-awards-hindi-films-531442.html हिन्दुस्तान लाइव]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/filmy/amitabh-bachchan-kangana-ranaut-collect-national-film-awards-1402377 एनडीटीवी इंडिया]
 
*[http://khabar.rajasthannews1.com/2016/05/amitabh-bachchan-kangna-ranaut-gets-national-film-and-manoj-kumar-gets-dadasaheb-phalke-award.html राजस्थान न्यूज ]
 
*[http://www.jagran.com/entertainment/bollywood-manoj-kumar-awarded-dadasaheb-phalke-award-13961735.html जागरण डॉट कॉम]
 
====दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन सम्पन्न, भारतकोश की प्रदर्शनी====
 
; 10-12 सितम्बर, 2015
 
[[चित्र:Aditya-Chaudhary-Wishva-Hindi-Sammelan-2.jpg|thumb|300px|भारतकोश संस्थापक श्री [[आदित्य चौधरी]], माननीय गृहमंत्री श्री [[राजनाथ सिंह]] द्वारा 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित होते हुए]]
 
[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन]] वर्ष 2015 में [[10 सितम्बर]] से [[12 सितम्बर]] तक [[भारत]] में [[मध्य प्रदेश]] की राजधानी [[भोपाल]] में आयोजित हुआ। इस दसवें सम्मेलन का मुख्य कथन था- "हिन्दी जगत : विस्तार एवं सम्भावनाएँ"। इस सम्मेलन में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में योगदान करने वाली कई देशी-विदेशी कंपनी एवं संस्थाओं की प्रदर्शनी भी लगी। कई विदेशी कंपनियाँ जैसे- गूगल, एप्पल, माइक्रोसोफ़्ट, वेबदुनिया हिन्दी के साथ-साथ कई भारतीय संस्थाएँ जैसे- सी-डेक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, [http://www.bharatkosh.org भारतकोश], राष्ट्रीय विज्ञान प्रसार केन्द्र भी शामिल रहीं।
 
;भारतकोश की प्रदर्शनी
 
[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन]] में अॉनलाइन हिन्दी प्रकाशन एवं हिन्दी टाइपिंग में योगदान देने के लिए [[विदेश मंत्रालय]], [[भारत सरकार]] द्वारा भारतकोश (www.bharatkosh.org) को भी प्रदर्शनी लगाने का आमन्त्रण मिला। भारतकोश के पण्डाल (स्टॉल) को वहाँ आये देश-विदेश के हिन्दी प्रेमी एवं हिन्दी विद्वानों की टीम ने बहुत सराहा और भारतकोश के बारे में जानकारी ली। साथ ही साथ भारतकोश के बने फ़ोटोफ़्रेम पर जमकर अपने फ़ोटो खिचवाये। 
 
;भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी को 'विश्व हिन्दी सम्मान'
 
[[आदित्य चौधरी|भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी]] को [[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन]] में भारतकोश का अॉनलाइन प्रकाशन एवं छात्रों को नि:शुल्क कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए [[भारत सरकार]] द्वारा विदेश मंत्रालय द्वारा निमंत्रण मिला जहाँ भारत के माननीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 12 सितम्बर, 2015 को इन्हें 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित किया।
 
[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|सम्पूर्ण समाचार पढ़ें...]]
 
====पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का निधन====
 
; 27 जुलाई, 2015 सोमवार
 
[[चित्र:Abdul-Kalam.jpg|thumb|[[अब्दुल कलाम|डॉ. अब्दुल कलाम]]]]
 
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 83 वर्ष की अवस्था में [[27 जुलाई]], [[2015]] [[सोमवार]] को निधन हो गया। कलाम आईआईएम [[शिलांग]] में भाषण दे रहे थे। इसी वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई। कलाम का निधन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुआ। कलाम के निधन का समाचार पाकर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर अब्दुल कलाम ने सोमवार सुबह 11.30 बजे आख़िरी ट्वीट किया था, "शिलॉन्ग जा रहा हूं, लिवेबल प्लेनेट अर्थ पर आईआईएम में एक कार्यक्रम में भाग लेने।" उनका भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी में अहम योगदान था और वे पोलर सैटेलाइट लॉंच व्हीकल के जनक माने जाते हैं। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ज्वॉइन किया। उन्हें [[1997]] में [[भारत रत्न]] से नवाज़ा गया।
 
; श्रद्धांजलि
 
[[प्रधानमंत्री]] [[नरेन्द्र मोदी]] ने ट्विटर पर अपने शोक संदेश कहा कि [[भारत]] एक महान वैज्ञानिक, अदभुत राष्ट्रपति और एक प्रेरणादायक व्यक्ति की मृत्यु पर शोक प्रकट करता है।<br />
 
संगीतकार [[ए. आर. रहमान]] ने उनके निधन पर कहा, "डॉक्टर कलाम, जब आप राष्ट्रपति बने तो आपने भारतीयों को 'उम्मीद' शब्द के नए मायने दिए।"<br />
 
आरबीआई गवर्नर [[रघुराम राजन]] ने ट्वीट किया- 'महान लोगों के महान सपने हमेशा आगे पहुंचते हैं। एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि।'
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
* [http://www.bbc.com/hindi/india/2015/07/150727_abdul_kalam_critical_rd  बीबीसी न्यूज]
 
* [http://zeenews.india.com/hindi/india/former-president-abdul-kalam-no-more/265122 ज़ी न्यूज]
 
* [http://abpnews.abplive.in/ind/2015/07/27/article664376.ece/abdul-kalam-passes-away एबीपी न्यूज]
 
* [http://www.livehindustan.com/news/national/article1-Former-President-Kalam-died-in-Shillong-hospita-488440.html हिंदुस्तान लाइव]
 
 
==संयुक्त राष्ट्र प्रदर्शनी में सत्यजित राय की तस्वीर==
 
[[चित्र:Satyajit-ray-2.jpg|thumb|[[सत्यजित राय]]]]
 
;27 जून, 2015 शनिवार
 
[[भारत]] के फ़िल्म इतिहास में अपना एक ख़ास मुकाम रखने वाले सत्यजीत रे अथवा सत्यजित राय की तस्वीर को [[संयुक्त राष्ट्र]] ने अपने मुख्यालय में प्रदर्शित करने का फैसला किया है। 16 विचारकों और कलाकारों की तस्वीरें संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में प्रदर्शित की जाएंगी। ये 16 फ़ोटो उन शख्शियतों की हैं जिन्होंने मानवता के लिए काम किया है। दुनियाभर के इन 16 नामों में से एक नाम सत्यजित रे का है। महासभा के अध्यक्ष सैम कुटेसा द्वारा आयोजित 'द ट्रांसफॉरमेटिव पावर ऑफ आर्ट' प्रदर्शनी 30 जून, 2015 तक लोगों के लिए खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य महान हस्तियों द्वारा मानवता के लिए किए गए कामों को याद करना है। सत्यजित को [[1992]] में मानद ऑस्कर मिला था और उसी साल उन्हें भारत के शीर्ष नागरिक सम्मान '[[भारत रत्न]]' से नवाजा गया था। प्रदर्शनी में फैबरिजियो रूगिरो और नीना मुज्जी की कलाकृतियां हैं। रूगिरो के 16 चित्रों में भित्ति चित्र की विधि के साथ ही समकालीन तकनीक का प्रयोग हुआ है। सत्यजित रे के अतिरिक्त 15 अन्य शख्सियतों में पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और [[नोबेल पुरस्कार|नोबेल शांति पुरस्कार]] विजेता मलाला यूसुफ़जई, अमेरिकी लेखक माया ऐंजेलू, ब्रिटिश अदाकारा ओड्रे हेपबर्न, चीनी अदाकारा गोंग ली आदि का नाम भी शामिल है।
 
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://www.amarujala.com/feature/multiplex/bollywood/satyajit-ray-s-portraits-displayed-at-un-exhibition-hindi-news/ अमर उजाला]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/world/acclaimed-director-satyajit-rays-portrait-displayed-at-un-exhibition-775800 एनडीटीवी इंडिया]
 
*[http://naidunia.jagran.com/world-portrait-of-satyajit-ray-at-un-exhibition-403704 नई दुनिया]
 
==साइना नेहवाल दुनिया की नंबर एक महिला बैडमिंटन खिलाड़ी==
 
[[चित्र:Saina-Nehwal-2.jpg|thumb|[[साइना नेहवाल]]]]
 
; 28 मार्च, 2015
 
[[साइना नेहवाल]] 28 मार्च, 2015 को दुनिया की नंबर वन रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई जब स्पेन की कैरोलिना मारिन यहां इंडिया ओपन सुपर सीरिज सेमीफाइनल में हार गई। आधिकारिक रैंकिंग 1 अप्रॅल, 2015 [[गुरुवार]] को जारी होगी लेकिन मारिन की हार से साइना का नंबर एक बनना तय हो गया है। दूसरी वरीयता प्राप्त मौजूदा विश्व चैम्पियन मारिन को तीसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की रेत्नाचोक इंतानोन ने 21-19, 21-23, 22-20 से हराया। [[प्रकाश पादुकोण]] नंबर वन पुरुष खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन शीर्ष रैंकिंग हासिल करने वाली साइना पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है। वह दूसरे सेमीफाइनल में [[जापान]] की यूइ हाशिमोतो से खेलेगी और इस मैच के नतीजे का उनकी रैंकिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना ने अपने कैरियर में 14 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं। हाल ही में वह आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। [[भारत के प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] ने बधाई देते हुए कहा, 'साइना की असाधारण उपलब्धि ने हम सभी को गौरवान्वित किया है। मैं उन्हें सर्वोच्च विश्व वरीय खिलाड़ी बनने की बधाई देता हूँ'। राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] ने कहा कि साइना शीर्ष पर पहुंचने के लिए हर तरह की प्रशंसा की हकदार हैं। मुखर्जी ने ट्वीट किया, 'बैडमिंटन में सर्वोच्च विश्व वरीय बनने के लिए साइना को बधाई। आप इस सम्मान की पूरी हकदार हैं।'
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://zeenews.india.com/hindi/sports/saina-nehwal-becomes-world-no-1-after-carolina-marin-loses-indian-open-semis/252226 ज़ी न्यूज]
 
*[http://aajtak.intoday.in/sports/story/saina-nehwal-becomes-world-no.-1-after-carolina-marin-loses-indian-open-semis-1-805286.html आजतक]
 
*[http://www.amarujala.com/news/samachar/sports/other-sports/saina-nehwal-becomes-number-one-in-badminton-hindi-news-sv/ अमर उजाला]
 
==मशहूर कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का निधन==
 
[[चित्र:R.K.Laxman.jpg|thumb|[[आर. के. लक्ष्मण]]]]
 
; 26 जनवरी, 2015 सोमवार
 
[[भारत]] के मशहूर कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का [[26 जनवरी]], [[2015]] को 94 वर्ष की उम्र में [[पुणे]] में निधन हो गया। वे हफ़्ते भर से भी ज्यादा समय से दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल के अधिकारियों ने उनके निधन की पुष्टि की। लक्ष्मण को संक्रमण के बाद इंटेसिव केअर यूनिट में भर्ती कराया गया था। दिल के मरीज़ लक्ष्मण के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। लक्ष्मण अपने कार्टून चरित्र "कॉमन मैन" यानी आम आदमी के लिए मशहूर थे। यह कार्टून आम आदमी की आकांक्षाओं और उसकी सोच को तो दर्शाता है ही, राजनीतिक हस्तियों पर कटाक्ष भी करता है। यह कार्टून वर्ष [[1951]] से ही [[भारत]] के जाने-माने [[अंग्रेज़ी]] अख़बार 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' के पहले पेज पर 'यू सेड इट' शीर्षक के साथ छपता आया है। [[भारत सरकार]] ने आरके लक्ष्मण को [[2005]] में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया था। डाक विभाग ने  "कॉमन मैन" पर [[1988]] में एक [[डाक टिकट]] भी जारी किया था। [[पुणे]] में [[2001]] में  "कॉमन मैन" की आठ फ़ीट की एक प्रतिमा लगाई गई थी। आरके लक्ष्मण क़रीब 60 साल तक कॉमन मैन, कॉमन सेंस और कॉमन प्रॉब्लम्स की आवाज़ बने रहे।
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2015/01/150126_rk_laxman_dies_pm बीबीसी हिंदी]
 
*[http://abpnews.abplive.in/ind/2015/01/27/article486200.ece/r.k.laxman_passes_away एबीपी न्यूज़]
 
*[http://www.prabhatkhabar.com/news/national/r-k-laxman-iconic-cartoonist-passes-away-at-94-in-pune/295177.html प्रभात ख़बर]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-R-K-Laxman-to-be-accorded-state-funeral:-Maha-govt-39-39-469236.html हिन्दुस्तान लाइव]
 
*[http://zeenews.india.com/hindi/india/modi-vice-president-sonia-expressed-grief-over-demise-of-laxman/246119 ज़ी न्यूज़]
 
==राजनीतिक विचारक रजनी कोठारी का निधन==
 
[[चित्र:Rajni-Kothari.jpg|thumb|180px|[[रजनी कोठारी]]]]
 
; 19 जनवरी, 2015 सोमवार
 
राजनीतिक विचारक [[रजनी कोठारी]] का [[19 जनवरी]], [[2015]] को [[सोमवार]] सुबह निधन हो गया। वो 85 वर्ष के थे। वे विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के संस्थापक थे। [[1963]] में उन्होंने सीएसडीएस की स्थापना की। यह [[दिल्ली]] में स्थित समाज विज्ञान और मानविकी से सम्बन्धित अनुसंधान का संस्थान है। इसके साथ-साथ उन्होंने 1980 में 'लोकायन' नाम के संस्थान की भी स्थापना की। कोठारी ने गैर-दलीय राजनीति के सिद्धांतों को भी सामने रखा। कोठारी एक बड़े रचनाकार रहे। 1969 में उनकी पहली पुस्तक 'पॉलिटिक्स इन इण्डिया' प्रकाशित हुई। ये पुस्तक भारतीय राजनीति को समझने का तर्कपूर्ण मॉडल पेश करती है।
 
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-Political-thinker-Rajni-Kothari-died-CSDS-39-39-468267.html हिन्दुस्तान लाइव]
 
*[http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/231106/1/20#.VL4TTyzdW9c देशबंधु]
 
*[http://www.prabhatkhabar.com/news/bhole-bisre/story/287226.html प्रभात खबर]
 
==अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने की घोषणा==
 
;24 दिसम्बर, 2014 बुधवार
 
[[चित्र:Pandit-Madan-Mohan-Malaviya.jpg|thumb|150px|[[मदन मोहन मालवीय]]]]
 
[[भारत]] के पूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[अटल बिहारी वाजपेयी]] और [[मदन मोहन मालवीय|महामना मदन मोहन मालवीय]] को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान '[[भारत रत्न]]' से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने दोनों को यह सम्मान देने का फैसला [[गुरुवार]] को वाजपेयी के 90वें जन्मदिन से एक दिन पहले किया है। मालवीय का जन्मदिन भी 25 दिसंबर को ही पड़ता है। [[राष्ट्रपति भवन]] की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'राष्ट्रपति बेहद हर्ष के साथ पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) और अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित करते हैं।' [[चित्र:Atal-Bihari-Vajpayee.jpg|thumb|left|200px|[[अटल बिहारी वाजपेयी]]]] भारत के सर्वाधिक करिश्माई नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी को एक महान नेता और अक्सर [[भारतीय जनता पार्टी]] का उदारवादी चेहरा बताया जाता है। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे वाजपेयी को कई ठोस पहल करने का श्रेय दिया जाता है, जिनमें [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच मतभेदों को कम करने का उनका प्रयास प्रमुख रूप से शामिल है। वाजपेयी ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने जिनका संबंध कभी [[कांग्रेस]] से नहीं रहा।
 
दूरदृष्टा और महान शिक्षाविद् महामना मदन मोहन मालवीय की मुख्य उपलब्धियों में [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] की स्थापना शामिल है। [[25 दिसंबर]] [[1861]] को जन्मे मदन मोहन मालवीय [[1886]] में [[कोलकाता]] में कांग्रेस के दूसरे सत्र में अपने पहले विचारोत्तेजक भाषण के तुरंत बाद ही राजनीति में आ गए थे। वह [[1909]] से [[1918]] के बीच [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के अध्यक्ष रहे। मालवीय को स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सशक्त भूमिका और हिंदू राष्ट्रवाद के प्रति उनके समर्थन के लिए भी याद किया जाता है। वह दक्षिणपंथी [[हिंदू महासभा]] के शुरुआती नेताओं में से एक थे। प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने खुद राष्ट्रपति से इन दोनों महान हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने की सिफारिश की थी।
 
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/india/govt-confers-bharat-ratna-on-vajpayee-and-malveey/articleshow/45625548.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://dainiktribuneonline.com/2014/12/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%9F%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A8/ दैनिक ट्रिब्यून]
 
*[http://zeenews.india.com/hindi/india/political-leaders-hail-bharat-ratna-for-atal-bihari-vajpayee-madan-mohan-malaviya/242636 ज़ी न्यूज]
 
*[http://abpnews.abplive.in/ind/2014/12/24/article460922.ece/Bharat-Ratna-for-Vajpayee-Madan-Mohan-Malviya एबीपी न्यूज़]
 
==सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 का सफल प्रक्षेपण==
 
; गुरुवार, 18 दिसम्बर, 2014
 
[[चित्र:GSLV-mk-3.jpg|thumb|200px|[[जीएसएलवी मार्क III|जीएसएलवी मार्क-3]] रॉकेट]]
 
'[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) ने अपने अब तक के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-एमके 3 को [[आंध्र प्रदेश]] में [[श्रीहरिकोटा]] स्थित [[सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र]] से प्रक्षेपित किया है। इसरो ने इससे पहले [[24 सितंबर]], [[2014]] को मंगलयान को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया था। जीएसएलवी-एमके3 में सी-25 इंजन लगाया गया है। इसकी ऊंचाई 43.43 मीटर है। इस यान के तीन स्तरों पर तीन तरह के ईंधन [[ठोस]], [[द्रव]] और क्रायोजनिक का इस्तेमाल किया गया है। जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट के निर्माण पर कुल 140 करोड़ रुपये की लागत आई है। क्रू माड्यूल के निर्माण पर 15 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं। इस सबसे भारी रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ ही इसरो इंसान को अंतरिक्ष में ले जाने वाले 3.65 टन वजनी क्रू माड्यूल का परीक्षण भी कर रहा है। यह माड्यूल को रॉकेट में लगाया गया था। इसे पैराशूट के जरिए [[बंगाल की खाड़ी]] में सफलतापूर्वक उतारा गया है। इस परीक्षण की सफलता की जानकारी इसरो निदेशक [[के. राधाकृष्णन]] ने दी। इस मौके पर इसरो के पूर्व निदेशक [[कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन|डॉ. कस्तूरीरंगन]] भी मौज़ूद थे। जीएसएलवी-एमके 3 के प्रक्षेपण का उद्देश्य इनसेट-4 जैसे भारी संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण में भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है। इस सफलता के बाद [[भारत]] इनसैट-4 श्रेणी के उपग्रह प्रक्षेपित करने में सक्षम हो गया है। इनसैट-4 श्रेणी के उपग्रह का वजन 4500-5000 किलोग्राम तक होता है। इस श्रेणी के उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए भारत अब तक दूसरे देशों पर निर्भर था। इससे भारत अरबों डॉलर के व्यावसायिक बाज़ार में भी अपनी दावेदारी मज़बूत करेगा और दूसरे देशों के इनसैट-4 श्रेणी के उपग्रह अंतरिक्ष में भेज पाएगा।
 
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/12/141218_gslvmk_three_launch_ra बीबीसी हिंदी]
 
*[http://khabar.ibnlive.in.com/news/132775/1 आईबीएन ख़बर]
 
*[http://www.jagran.com/news/national-isro-launch-gslv-mk3-11886178.html जागरण डॉट कॉम]
 
*[http://zeenews.india.com/hindi/india/the-pm-modi-congratulates-isro-scientists/241967 ज़ी न्यूज]
 
==भारत के कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार==
 
; 10 अक्टूबर, 2014, शुक्रवार
 
[[चित्र:Kailash-Satyarthi.gif|thumb|200px|[[कैलाश सत्यार्थी]]]]
 
वर्ष [[2014]] में शांति के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] संयुक्त रूप से [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] की झोली में गया। इस पुरस्कार के लिए भारत में बाल अधिकारों के लिए कार्य करने वाले कैलाश सत्यार्थी और लड़कियों की पढ़ाई के लिए संघर्ष करने वाली पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को चुना गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने [[10 अक्टूबर]], [[2014]] [[शुक्रवार]] को दोनों के नामों की घोषणा की। राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] और प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] समेत कई गणमान्य लोगों ने सत्यार्थी को पुरस्कार के लिए बधाई दी है। पुरस्कार [[10 दिसंबर]], [[2014]] को दिया जाएगा। पुरस्कार के रूप में 11 लाख डॉलर (करीब 6 करोड़ 74 लाख रुपये) दिए जाएंगे। [[कैलाश सत्यार्थी]] [[भारत]] में एक गैर सरकारी संगठन (बचपन बचाओ आंदोलन) का संचालन करते हैं। यह एनजीओ बाल श्रम और बाल तस्करी में फंसे बच्चों को मुक्त कराने की दिशा में कार्य करता है। नोबेल पुरस्कारों की ज्यूरी ने कहा, "नार्वे की नोबेल कमेटी ने बच्चों और युवाओं पर दबाव के विरुद्ध और सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए किए गए संघर्षों को देखते हुए कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है।" नोबेल कमेटी ने कहा कि "बचपन बचाओ आंदोलन" नामक एनजीओ चलाने वाले सत्यार्थी ने [[महात्मा गाँधी|गांधी जी]] की परंपरा को कायम रखा है और वित्तीय लाभ के लिए बच्चों के शोषण के ख़िलाफ़ कई शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की अगुआई की है। कैलाश सत्यार्थी इंटरनेशनल सेंटर ऑन चाइल्ड लेबर और [[यूनेस्को]] से जुड़े रहे हैं। शांति के नोबेल पुरस्कार के 278 दावेदार थे जिनमें पोप फ्रांसिस, बान की मून, एडवर्ड स्नोडेन, कांगो के डॉक्टर डेनिस मुक्वेग, उरुग्वे के राष्ट्रपति जोस मोजिस जैसे बड़े नाम शामिल थे।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=108477 सी.एन.बी.सी. आवाज़]
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/world/britain/nobel-peace-prize-awarded-to-kailash-satyarthi-and-malala-yousafzai/articleshow/44771604.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://naidunia.jagran.com/national-kailash-satyarthi-and-malala-yousafzai-win-the-nobel-peace-prize-202012 नई दुनिया]
 
*[http://aajtak.intoday.in/story/malala-yousafzai-and-kailash-satyarthi-win-nobel-peace-prize-1-783213.html आजतक]
 
==मंगलयान सफल, भारत ने इतिहास रचा==
 
[[चित्र:March-Orbital-Mission.jpg|thumb|मंगलयान द्वारा भेजी गई मंगल ग्रह की तस्वीर]]
 
;24 सितम्बर, 2014, बुधवार
 
[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन|भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो का उपग्रह]] मंगलयान [[मंगल ग्रह]] की अंडाकार कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है। ये [[भारत]] के अंतरिक्ष शोध में एक कालजयी घटना है। इस अभियान की कामयाबी से भारत ऐसा देश बन गया है जिसने एक ही प्रयास में अपना अभियान पूरा कर लिया। भारत ने लिक्विड मोटर इंजन की तकनीक से मंगलयान को मंगल की कक्षा में स्थापित किया। आमतौर पर [[चन्द्रमा उपग्रह|चांद]] तक पहुंचने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इतने लंबे मिशन पर भारत से पहले किसी ने लिक्विड मोटर इंजन का इस्तेमाल नहीं किया था। एक ओर मंगल मिशन इतिहास के पन्नों पर स्वयं को सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा रहा था वहीं दूसरी ओर यहां स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कमांड केंद्र में अंतिम पल बेहद व्याकुलता भरे थे। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ मंगल मिशन की सफलता के साक्षी बने भारतीय प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने कहा, "विषमताएं हमारे साथ रहीं और मंगल के 51 मिशनों में से 21 मिशन ही सफल हुए हैं, लेकिन हम सफल रहे।" खुशी से फूले नहीं समा रहे प्रधानमंत्री ने इसरो के अध्यक्ष [[के. राधाकृष्णन]] की पीठ थपथपाई और अंतरिक्ष की यह अहम उपलब्धि हासिल कर इतिहास रचने के लिए भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी। भारत के मंगल अभियान का निर्णायक चरण 24 सितंबर को सुबह यान को धीमा करने के साथ ही शुरू हो गया था। इस मिशन की सफलता उन 24 मिनटों पर निर्भर थी, जिस दौरान यान में मौजूद इंजन को चालू किया गया। मंगलयान की गति धीमी करनी थी ताकि ये मंगल की कक्षा में गुरुत्वाकर्षण से खुद-बखुद खिंचा चला जाए और वहां स्थापित हो जाए। इस अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण [[5 नवंबर]], [[2013]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[श्रीहरिकोटा]] से स्वदेश निर्मित [[पीएसएलवी]] रॉकेट से किया गया था। यह [[1 दिसंबर]], [[2013]] को पृथ्वी के गुरूत्वाकषर्ण से बाहर निकल गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान 'नासा' का मंगलयान 'मावेन' 22 सितंबर को मंगल की कक्षा में प्रविष्ट हुआ था। भारत के एम.ओ.एम. की कुल लागत मावेन की लागत का मात्र दसवां हिस्सा है। भारत ने इस मिशन पर क़रीब 450 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो बाकी देशों के अभियानों की तुलना में सबसे ज़्यादा क़िफ़ायती है।
 
=====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें=====
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/09/140924_india_mars_success_psa.shtml बीबीसी हिंदी]
 
*[http://abpnews.abplive.in/ind/2014/09/24/article405607.ece/India-creates-history-Mangalyaan-enters-Martian-orbit#.VCO5qVeUm_w एबीपी न्यूज]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/india/indias-mangalyaan-close-to-finishing-line-and-a-date-with-history-670027 एनडीटीवी खबर]
 
*[http://zeenews.india.com/hindi/news/sci-tech/indias-mars-orbiter-sends-first-set-of-images-of-the-red-planet/234094 ज़ी न्यूज]
 
 
==मशहूर अदाकारा ज़ोहरा सहगल का निधन==
 
[[चित्र:Zohra-sehgal.jpg|thumb|[[ज़ोहरा सहगल]]]]
 
; गुरुवार, 10 जुलाई, 2014
 
वयोवृद्ध अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल का [[गुरुवार]] [[10 जुलाई]], [[2014]] को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 102 साल की थीं। ज़ोहरा सहगल ने अपने करियर की शुरुआत एक नृत्यांगना एवं नृत्य निर्देशक के रूप में की थी। ज़ोहरा थिएटर को अपना पहला प्यार मानती थीं। ज़ोहरा सहगल ने [[पृथ्वीराज कपूर]] के पृथ्वी थिएटर में क़रीब 14 साल तक काम किया। ज़ोहरा सहगल ने पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक, [[बॉलीवुड]] के मशहूर कपूर परिवार की चार पीढियों के साथ काम किया था। उनकी उम्र हाल तक उनके उत्साह पर हावी नहीं हो पाई थी। जोहरा को विशेष रूप से "भाजी ऑन द बीच" (1992), "हम दिल दे चुके सनम" (1999), "बेंड इट लाइक बेकहम" (2002), "दिल से.." (1998) और "चीनी कम" (2007) जैसी फ़िल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है। उनकी आख़िरी फ़िल्म "सांवरिया" थी।  ज़ोहरा सहगल को [[1998]] में [[पद्मश्री]], [[2002]] में [[पद्मभूषण]] और [[2010]] में [[पद्म विभूषण]] से नवाजा जा चुका है। दशकों तक [[हिंदी सिनेमा]] जगत का अभिन्न हिस्सा रहीं दिवंगत अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल का [[शुक्रवार]] सुबह [[दिल्ली]] में उनके प्रियजनों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। ज़ोहरा सहगल का अंतिम संस्कार दयानंद मुक्तिधाम शमशान में किया गया। उनके बेटे पवन सहगल ने उनके अंतिम संस्कार की विधियां पूरी कीं। उनकी बेटी किरण सहगल और पोते-पोतियां इस दौरान मौजूद थे।
 
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*[http://khabar.ndtv.com/news/filmy/veteran-actor-zohra-sehgal-dies-she-was-102-586740 एनडीटीवी इंडिया]
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2014/07/140710_zohra_sehgal_death.shtml बीबीसी हिंदी]
 
*[http://khabar.ibnlive.in.com/news/123437/6 आईबीएन ख़बर]
 
*[http://www.amarujala.com/news/samachar/national/actress-johra-sahgal-no-more/ अमर उजाला]
 
==साइना नेहवाल ने ऑस्ट्रेलियन सुपर सीरीज जीती==
 
[[चित्र:Saina-Nehwal-2.jpg|thumb|[[साइना नेहवाल]]]]
 
; रविवार, 29 जून, 2014
 
शीर्ष भारतीय [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी [[साइना नेहवाल]] ने फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन को हराकर 7,50,000 डालर ईनामी राशि की स्टार ऑस्ट्रेलियन सुपर सीरीज ट्रॉफ़ी अपने नाम की। छठी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने इस साल के शुरू में इंडिया ओपन ग्रांड प्रीक्स गोल्ड खिताब जीता था। उन्होंने 43 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए 21-18, 21-11 से जीत दर्ज की, जिससे उन्हें 56,000 डॉलर की ईनामी राशि मिली। साइना नेहवाल ने पिछली सुपर सीरीज ट्रॉफ़ी जून, 2012 में इंडोनेशिया ओपन में जीती थी। साइना और कैरोलिना के बीच इससे पहले एक बार ही मुकाबला हुआ है, जिसे भारतीय खिलाड़ी ने जीता था। यह मुकाबला पिछले साल इंडोनेशिया में हुआ था। इस जीत के साथ ही साइना ने मारिन के ख़िलाफ़ अपना रेकॉर्ड 2-0 कर लिया।
 
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*[http://khabar.ndtv.com/news/sports/saina-nehwal-wins-australian-super-series-574166 एनडीटीवी इंडिया]
 
*[http://hindi.webdunia.com/sports-others-news/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%91%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%9C-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%82-1140629013_1.htm वेबदुनिया हिंदी]
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/sport/2014/06/140629_saina_wins_sr.shtml बीबीसी हिंदी]
 
*[http://aajtak.intoday.in/story/saina-nehwal-wins-australian-super-series-1-769443.html आजतक]
 
==गुजरात का ‘रानी की वाव’ और हिमाचल का 'ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क' विश्व धरोहर सूची में शामिल==
 
[[चित्र:Rani-ki-vav.jpg|thumb|[[रानी की वाव]]]]
 
[[चित्र:Great himalayan national park.jpg|thumb|[[ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क]]]]
 
; सोमवार, 23 जून, 2014
 
[[यूनेस्को]] (यूनाइटेड नेशनल एजुकेशनल, साइंटिफिक ऐंड कल्अचरल ऑर्गनाइजेशन) ने [[23 जून]], [[2014]] को विश्व धरोहर की सूची में [[भारत]] की दो धरोहरों को शामिल किया है। इनमें कल्चरल साइट्स (सांस्कृतिक धरोहर) की श्रेणी में [[गुजरात]] के [[पाटण ज़िला|पाटण]] स्थित [[रानी की वाव]] और नेचुरल साइट्स (प्राकृतिक धरोहर) की श्रेणी में [[हिमाचल प्रदेश]] के [[कुल्लू]] स्थित [[ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क]] शामिल हैं। रानी की वाव, गुजरात के पाटण ज़िले में एक सीढ़ी वाला कुआं है। इसे रानी उदयामती ने अपने पति राजा भीमदेव की याद में वर्ष 1063 में बनवाया था। राजा भीमदेव गुजरात के [[सोलंकी वंश|सोलंकी राजवंश]] के संस्थापक थे। हिमाचल प्रदेश में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल 754.4 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां दो वन्यजीव अभ्यारण्य हैं।
 
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*[http://www.jagran.com/kids-section/united-nations-educational-scientific-and-cultural-organization-world-heritage-site-11430524.html जागरण डॉट कॉम]
 
*[http://whc.unesco.org/en/news/1160 UNESCO]
 
*[http://rajasthanpatrika.patrika.com/news/the-queen-of-the-world-heritage-wow/1160251.html राजस्थान पत्रिका]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-Gujarat-11th-century-Queen-UNESCO-World-Heritage-Site-39-39-433279.html लाइव हिंदुस्तान]
 
*[http://www.shimla.amarujala.com/feature/city-news-sml/great-himalayan-national-park-get-world-heritage-status/ अमर उजाला]
 
 
==प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार==
 
[[चित्र:Kedarnath-Singh.png|thumb|[[केदारनाथ सिंह]]]]
 
; शुक्रवार, 20 जून, 2014
 
[[हिंदी]] की आधुनिक पीढ़ी के रचनाकार [[केदारनाथ सिंह]] को वर्ष [[2013]] के लिए देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] प्रदान किया जाएगा। वह यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक हैं। ज्ञानपीठ की ओर से [[शुक्रवार]] [[20 जून]], [[2014]] को यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार सीताकांत महापात्रा की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में हिंदी के जाने माने कवि केदारनाथ सिंह को वर्ष 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिये जाने का निर्णय किया गया। केदारनाथ सिंह इस पुरस्कार को हासिल करने वाले हिंदी के 10वें रचनाकार है। इससे पहले [[हिन्दी साहित्य]] के जाने माने हस्ताक्षर [[सुमित्रानंदन पंत]], [[रामधारी सिंह दिनकर]], [[अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन|सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन अज्ञेय]], [[महादेवी वर्मा]], [[नरेश मेहता]], [[निर्मल वर्मा]], [[कुंवर नारायण]], [[श्रीलाल शुक्ल]] और [[अमरकांत]] को यह पुरस्कार मिल चुका है। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार [[मलयालम भाषा|मलयालम]] के लेखक [[गोविंद शंकर कुरुप]] (1965) को प्रदान किया गया था। पुरस्कार के रूप में प्रो. केदारनाथ सिंह को 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और [[वाग्देवी]] की प्रतिमा प्रदान की जाएगी।
 
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*[http://zeenews.india.com/hindi/news/india/kedarnath-singh-will-get-highest-literary-honour-gyanpeeth-award/225867 ज़ी न्यूज]
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/06/140620_jnanpith_award_kedarnathsingh_sk.shtml बी.बी.सी. हिंदी]
 
*[http://hindi.webdunia.com/literature-articles/49%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%82-%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A0-%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5-%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9-%E0%A4%95%E0%A5%8B-1140621033_1.htm वेबदुनिया हिंदी]
 
*[http://www.jansatta.com/index.php?option=com_content&view=article&id=71527:2014-06-21-03-33-24&catid=1:2009-08-27-03-35-27 जनसत्ता]
 
==दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुने गए गुलज़ार==
 
[[चित्र:Gulzar.jpg|thumb|[[गुलज़ार]]]]
 
;12 अप्रॅल, 2014 शनिवार
 
क़रीब चार दशकों से भारतीय सिने प्रेमियों को अपने गीतों का दीवाना बनाने वाले मशहूर गीतकार [[गुलज़ार]] को वर्ष [[2013]] के लिए [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] दिया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रतिष्ठित कलाकारों की सात सदस्यीय ज्यूरी ने एकमत से इस पुरस्कार के लिए गुलज़ार के नाम की सिफारिश की। फ़िल्मी हस्तियों को प्रदान किये जाने वाले प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुने जाने पर गीतकार गुलज़ार ने कहा कि वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं और संपूर्णता की अनुभूति हो रही है। ‘तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी’ और ‘तेरे बिना ज़िंदगी से’ जैसे अनेक लोकप्रिय गीत लिखने वाले और ‘मेरे अपने’, ‘कोशिश’, ‘खुशबू’, ‘अंगूर’, ‘लिबास’ और ‘माचिस’ जैसी फ़िल्मों का निर्देशन कर चुके 79 वर्षीय गुलजार यह सम्मान पाने वाले 45वीं शख्सियत हैं।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://www.prabhatkhabar.com/news/106203-Bollywood-famous-lyricist-director-Gulzar-Dada-Saheb-Phalke-Award.html प्रभात ख़बर]
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/filmy/dada-saheb-phalke-award-for-gulzar-385392 एन.डी.टी.वी. ख़बर]
 
*[http://www.jansatta.com/index.php?option=com_content&view=article&id=64776:2014-04-13-03-14-42&catid=16:highlight जनसत्ता]
 
==प्रसिद्ध अभिनेत्री नन्दा का निधन==
 
[[चित्र:Nanda-Actress.jpg|thumb|[[नन्दा]]]]
 
; 25 मार्च, 2014 , मंगलवार
 
अपने बेजोड़ अभिनय के दम पर दिलों पर राज करने वाली गुज़रे जमाने की मशहूर अभिनेत्री नन्दा का [[25  मार्च]], [[2014]] [[मंगलवार]] को सुबह निधन हो गया। वह 75 साल की थीं। वर्ष [[1939]] में [[मराठी]] फ़िल्मों के प्रसिद्ध [[अभिनेता]] एवं निर्देशक विनायक दामोदर कर्नाटकी के घर पैदा हुई नंदा ने एक बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय जीवन की शुरुआत की थी। पिता की असमय मौत के कारण उन्होंने बहुत कम उम्र से अपने [[परिवार]] के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठा ली थी। नंदा ने मात्र नौ साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में फ़िल्म 'मंदिर' के जरिये फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने 'जग्गू', 'अंगारे', 'जागृति' जैसी फ़िल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया। नंदा अविवाहित थीं। कई बार उन्हें शादी के प्रस्ताव मिलते रहे लेकिन हर बार किसी किसी न किसी बहाने से उन्होंने शादी नहीं की। इसके बाद [[1992]] में अपने साथियों के कहने पर उन्होंने फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई से सगाई की लेकिन दुर्भाग्य से शादी से पहले ही मनमोहन देसाई छत से नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गयी।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/32656486.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2014/03/140325_nanda_no_more_pkp.shtml बीबीसी हिंदी]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/entertainment/entertainmentnews/article1-Veteran-Actress-Nanda-passes-away-at-75-28-28-410518.html हिंदुस्तान लाइव]
 
 
==मशहूर लेखक एवं पत्रकार खुशवंत सिंह का निधन==
 
[[चित्र:Khushwant-singh.jpg|thumb|[[खुशवंत सिंह]]]]
 
; 20 मार्च, 2014 , गुरुवार
 
जाने माने पत्रकार और लेखक खुशवंत सिंह का [[20 मार्च]], [[2014]] [[गुरुवार]] को निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे और उनका जन्म [[पंजाब]] (अब [[पाकिस्तान]]) में वर्ष [[1915]] में हुआ था। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके पुत्र और पत्रकार राहुल सिंह के अनुसार उन्होंने सुजान सिंह पार्क स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उन्हें सांस लेने में कुछ परेशानी थी। खुशवंत सिंह [[भारत]] के प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे। एक पत्रकार, स्तंभकार और एक बेबाक लेखक के रुप में उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली और अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुस्कारों से सम्मानित भी किया गया। उन्हें [[पद्मश्री]], [[पद्म विभूषण]] जैसे सम्मानों से भी सम्मानित किया जा चुका है। खुशवंत सिंह 'योजना', नेशनल हेराल्ड, हिन्दुस्तान टाइम्स और 'दि इलेस्ट्रेटेड विकली ऑफ़ इंडिया' के संपादक रहे थे। इनके अनेक उपन्यासों में सबसे अधिक प्रसिद्ध 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन' हैं। वर्तमान संदर्भों और प्राकृतिक वातावरण पर भी उनकी कई रचनाएं हैं। दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। लगभग 70 वर्ष साहित्य के क्षेत्र में खुशवंत सिंह का विविध आयामी योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। साल [[1947]] से कुछ सालों तक खुशवंत सिंह जी ने [[भारत]] के विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। साल [[1980]] से [[1986]] तक वे [[राज्यसभा]] के मनोनीत सदस्य रहे।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/Noted-author-and-columnist-Khushwant-Singh-dies-at-99/articleshow/32353122.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-Khushwant-Singh-dead-39-39-409231.html लाइव हिंदुस्तान]
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/03/140320_khushwant_singh_ia.shtml बीबीसी हिंदी]
 
*[http://zeenews.india.com/hindi/news/india/well-known-journalist-and-writer-khushwant-singh-passes-away/204927 ज़ी न्यूज़]
 
==यशस्वी साहित्यकार अमरकांत का देहांत==
 
[[चित्र:Amarkant.jpg|thumb|[[अमरकांत]]]]
 
; 17 फ़रवरी 2014, सोमवार
 
[[हिन्दी]] के यशस्वी कथाकार और [[प्रेमचंद]] की परंपरा के महान रचनाकार अमरकांत का [[सोमवार]] [[17 फ़रवरी]], [[2014]] को सुबह दस बजे निधन हो गया। अशोक नगर स्थित पंचपुष्प अपार्टमेंट के अपने आवास में स्नान करते वक्त फिसलने के तुरंत बाद उनकी सांसें थम गईं। वह 88 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार [[मंगलवार]] अपराह्न 11 बजे रसूलाबाद घाट पर किया गया। वह अपने पीछे बेटे-बेटियों और और नाती-पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। अमरकांत के निधन से साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े लोग स्तब्ध रह गए। हिन्दी साहित्यकार [[असग़र वजाहत]] ने अमरकांत के निधन पर शोक जताते हुए कहा, "अमरकांत अपनी पीढ़ी के एक ऐसे कहानीकार थे जिनसे उस समय के युवा कहानीकारों ने बहुत सीखा। वो कहानीकारों में इस रूप में विशेष माने जाएंगे कि एक पूरी पीढ़ी को उन्होंने सिखाया-बताया।" अमरकांत को साल [[2007]] में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी]] और साल [[2009]] में [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] मिला था।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/02/140217_amarkant_obit_rns.shtml बीबीसी हिंदी]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/mustread/article1-amarkant-sahitya-academy-award-awards-39-332-401140.html हिंदुस्तान लाइव]
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/30564225.cms नवभारत टाइम्स]
 
 
==भारत के सत्या नडेला बने माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ==
 
[[चित्र:Satya-Nadella.gif|thumb|[[सत्या नडेला]]]]
 
; 4 फ़रवरी, 2014 मंगलवार
 
माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन के निदेशक मंडल ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ़्ट के नए सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के रूप में चुन लिया है। नडेला माइक्रोसॉफ़्ट के मौजूदा सीईओ स्टीव बॉमर की जगह लेंगे। इससे पहले [[हैदराबाद]] में जन्म लेने वाले नडेला माइक्रोसॉफ़्ट के क्लाउड एण्ड एंटरप्राइज़ ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष रहे हैं। यह जानकारी माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभावी है। सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ़्ट के निदेशक मंडल में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ के लिए पिछले पांच महीने से खोज चल रही थी जब स्टीव बॉमर ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने संबंधी अपना इरादा ज़ाहिर किया था। सत्या नडेला सन् [[1992]] में माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन में शामिल हो गए थे। माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन के संस्थापक बिल गेट्स भी माइक्रोसॉफ़्ट के निदेशक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं और अब वह कंपनी के तकनीकी सलाहकार का पद संभालेंगे। निदेशक मंडल के नए अध्यक्ष का पद एक स्वतंत्र निदेशक जॉन थॉम्पसन संभालेंगे।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/microsoft-chooses-cloud-and-enterprise-head-satya-nadella-as-third-ceo/businessarticleshow/29866630.cms नवभारत टाइम्स]
 
*[http://www.punjabkesari.in/news/article-214045 पंजाब केसरी ]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/business/businessnews/article1-andhra-pradesh-n-kiran-reddy-satya-nadela-45-45-398351.html हिंदुस्तान लाइव]
 
*[http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=94916 CNBC आवाज़]
 
 
==प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-अभिनेता ए. नागेश्वर राव का निधन==
 
[[चित्र:Nageshwar-rao.jpg|thumb|150px|[[ए. नागेश्वर राव]]]]
 
;22 जनवरी, 2014
 
भारतीय फ़िल्मोद्योग के सबसे बड़े [[दादा साहब फालके पुरस्कार|दादा साहेब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित दिग्गज तेलुगू निर्माता-अभिनेता अक्कीनेनी नागेश्वर राव का [[बुधवार]] तड़के [[22 जनवरी]], [[2014]] को [[हैदराबाद]] में निधन हो गया। 91 वर्षीय नागेश्वर राव पिछले कई सालों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। प्यार से 'एएनआर' कहकर पुकारे जाने वाले नागेश्वर राव के बेटे और अभिनेता नागार्जुन ने कहा कि श्री राव का निधन नींद में ही हो गया। नागेश्वर राव को 'तेनालीराम कृष्णा', 'देवदास', 'माया बाज़ार' और 'मिस्साम्मा' जैसी हिट फ़िल्मों में अभिनय के लिए याद किया जाता है। नागेश्वर राव के परिवार में तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनके पुत्र नागार्जुन को हिन्दी फ़िल्मों के दर्शक भी अच्छी तरह जानते हैं, और नागार्जुन की पत्नी अमला भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। नागेश्वर राव के कई पौत्र भी अभिनेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। सात दशक से भी अधिक समय तक चले अपने लंबे करियर में नागेश्वर राव ने लगभग 250 [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]] और कई [[तमिल भाषा|तमिल]] फ़िल्मों में काम किया, और फिलहाल वह 'मनम' शीर्षक से बनाई जा रही फ़िल्म में अभिनय कर रहे थे, जिसमें उनके परिवार की तीनों पीढ़ियों के अभिनेता काम कर रहे थे।
 
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
 
*[http://khabar.ndtv.com/news/filmy/akkineni-nageswara-rao-legendary-telugu-actor-producer-passes-away-378350 NDTV ख़बर]
 
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-Stars-mourn-Nageswara-Raos-death-39-39-394905.html लाइव हिंदुस्तान]
 
*[http://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%A3-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%85%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%A8-1390463686-2 जागरण जोश]
 
==राजस्थानी साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का निधन==
 
[[चित्र:Annaram sudama.JPG|thumb|150px|[[अन्नाराम सुदामा]]]]
 
;2 जनवरी, 2014, गुरुवार
 
[[राजस्थानी भाषा|राजस्थानी]] साहित्यकार [[अन्नाराम सुदामा]] का [[गुरुवार]] [[2 जनवरी]], [[2014]] को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। सुदामा का जन्म [[23 मई]], [[1923]] को हुआ था। उन्होंने कई [[उपन्यास]], [[कहानी|कहानियां]], [[नाटक]], [[निबंध]] आदि की पुस्तकें लिखी थी। सुदामा का राजस्थानी उपन्यास जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय [[जोधपुर]] और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय [[अजमेर]] में एम.ए. और बी.ए. के पाठ्यक्रम में शामिल रहा। केन्द्रीय साहित्य अकादमी से 'मेवै रां रूंख' उपन्यास [[अंग्रेज़ी]] एवं [[हिन्दी]] अनुवाद प्रकाशित हुआ। सुदामा के निधन पर ज़िला कलेक्टर आरती डोगरा ने शोक जताया है। कलेक्टर की ओर से सुदामा के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की।<ref>{{cite web |url=http://www.pressnote.in/Bikaner-News_220208.html#.Usf0QftpWXQ |title=साहित्य के सुदामा नहीं रहे  |accessmonthday=4 जनवरी |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=प्रेसनोट |language=हिंदी }}</ref>
 
  
  

०७:२०, ६ मई २०१७ का अवतरण

नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को समाचार कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। इन्हें भी देखें: समाचार 2010, समाचार 2011, समाचार 2012 एवं समाचार 2013

हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-

इसरो ने सफलता पूर्वक लॉन्‍च किया साउथ एशिया सैटेलाइट

जीएसएलवी-एफ09
5 मई, 2017 शुक्रवार

करीब 450 करोड़ की लागत से बने उपग्रह (जीसैट-9) को 5 मई, 2017 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने लॉन्च किया। इससे उपग्रह से सार्क देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा लेकिन पाकिस्तान इससे बाहर है। इसका उपग्रह को चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, दक्षिण एशियाई उपग्रह का सफल प्रक्षेपण ऐतिहासिक क्षण, इससे संबंधों के नए आयाम की शुरुआत होगी। जीसैट-9 को भारत की ओर से उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है। इस उपग्रह को इसरो का रॉकेट जीएसएलवी-एफ09 लेकर जाएगा। इसरो के अध्यक्ष ए.एस किरण कुमार ने गुरुवार को बताया था कि इससे आठ सार्क देशों में से सात भारत, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव परियोजना का हिस्सा हैं। पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा, ' इस लॉन्च से हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे। इससे लोगों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। लैंड, वॉटर और स्पेस में हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा।' भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा, 'दक्षिण एशिया उपग्रह लॉन्च ऐतिहासिक पल है। यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत को इसके लिए बधाई। आपसी सहयोग के लिए यह बड़ा कदम है। सैटलाइट बेस्ट संचार अब जरूरी हो गया है। हमारे क्षेत्र के लिए यह बेहतर होगा। यह भूटान जैसे देश के लिए काफी अहम होगा।' मालदीव के राष्ट्रपति यमीन अब्दुल गयूम ने कहा, 'दक्षिण एशिया में यह 'सबका साथ सबका विकास' है। यह सैटलाइट इस क्षेत्र के लिए काफी अहम होगा। यह पीएम मोदी का शानदार विजन है। इससे क्षेत्र के जनता के बीच सहयोग बढ़ेगा।' नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने इस शानदार लॉन्चिंग के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र के विकास और टेलिमेडिसिन और आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर होगा। संचार सेवा के लिए भी यह उपग्रह बेहतरीन होगा।' श्रीलंका के राष्ट्रपति एम. सिरीसेना ने भी कहा, 'यह लॉन्च सभी सार्क देशों के लिए फायदेमंद होगा। शिक्षा, पर्यावरण, मौसम अनुमान के लिए लाभदायक होगा। यह क्षेत्र के लोगों को अच्छा जीवन देगा।'

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इसरो ने एक साथ रिकार्ड 104 सैटेलाइट लॉन्च करके इतिहास रचा

15 फ़रवरी, 2017 बुधवार

अंतरिक्ष में भारत ने 15 फ़रवरी, 2017 बुधवार को एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से एक एकल मिशन में रिकार्ड 104 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यहां से क़रीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र के जरिये रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक किया गया। भारत ने एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। प्रक्षेपण के कुछ देर बाद पीएसएलवी-सी37 ने भारत के काटरेसैट-2 श्रृंखला के पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों तथा 103 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफल अभियान को लेकर इसरो को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा कि पूरे देश के लिए यह गौरव का क्षण है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के प्रमुख एएस किरण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण पर इसरो दल को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने एक ही रॉकेट के जरिए 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के लिए वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि इस अहम उपलब्धि ने भारत को गौरवांवित किया है।

104 में 3 स्वदेशी एवं 101 विदेशी उपग्रह

प्रक्षेपण के बारे में महत्वपूर्ण बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में रॉकेट से उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से एक बार में 37 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण की तुलना में भारत एक बार में 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने में सफलता हासिल कर इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। भारत ने इससे पहले जून 2015 में एक बार में 23 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया था। यह उसका दूसरा सफल प्रयास है। पीएसएलवी पहले 714 किलोग्राम वजनी काटरेसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह का पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपण करेगा और उसके बाद 103 सहयोगी उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में प्रविष्ट कराएगा जिनका अंतरिक्ष में कुल वजन 664 किलोग्राम है। इन 104 उपग्रहों में भारत के तीन और विदेशों के 101 सैटेलाइट शामिल है। इसरो के वैज्ञानिकों ने एक्सएल वैरियंट का इस्तेमाल किया है जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका इस्तेमाल महत्वाकांक्षी चंद्रयान में और मंगल मिशन में किया जा चुका है। इनमें 96 उपग्रह अमेरिका के, पांच क्रमश: इसरो के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों- इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात के हैं।

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