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− | *सुनहरा, सोने का बना हुआ, अथवा खंभे के बराबर लंबा,-रघोरवष्टम्भमयेन पत्रिणा-रघु. 3/53 (अ° का अर्थ उपर्युक्त ढंग से किया जाता है, परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में इसका अर्थ होगा 'ओजस्वी, साहसी')।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=123|url=|ISBN=}}</ref> | + | *सुनहरा, सोने का बना हुआ, अथवा खंभे के बराबर लंबा,-रघोरवष्टम्भमयेन पत्रिणा<ref>-रघु. 3/53</ref> (अ° का अर्थ उपर्युक्त ढंग से किया जाता है, परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में इसका अर्थ होगा 'ओजस्वी, साहसी')।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=123|url=|ISBN=}}</ref> |
०८:०३, १९ मई २०२४ के समय का अवतरण
अवष्टम्भमय (विशेषण) (स्त्रीलिंग-यी] [अवष्टम्भ+मयद्]
- सुनहरा, सोने का बना हुआ, अथवा खंभे के बराबर लंबा,-रघोरवष्टम्भमयेन पत्रिणा[१] (अ° का अर्थ उपर्युक्त ढंग से किया जाता है, परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में इसका अर्थ होगा 'ओजस्वी, साहसी')।[२]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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