चित्र:Ravidas.jpg
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विवरण (Description) | रैदास |
स्रोत (Source) | हिन्दी बुक सेंटर |
प्रयोग अनुमति (Permission) | नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |
आभार (Credits) | नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |
अन्य विवरण | मध्ययुगीन संतों में प्रसिद्ध रैदास कबीरदास के समकालीन और गुरु भाई थे। कुछ विद्वान काशी में जन्मे रैदास का समय 1482-1527 ई. के बीच मानते हैं। |
फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | प्रयोक्ता | टिप्पणी | |
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वर्तमान | १२:२२, १० मई २०११ | २,००० × २,७५९ (१.७३ MB) | गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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फ़ाइल का उपयोग
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- अखि लखि लै नहीं -रैदास
- अब कुछ मरम बिचारा -रैदास
- अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी -रैदास
- अब मैं हार्यौ रे भाई -रैदास
- अब मोरी बूड़ी रे भाई -रैदास
- अब हम खूब बतन -रैदास
- अबिगत नाथ निरंजन देवा -रैदास
- अहो देव तेरी अमित महिमां, महादैवी माया -रैदास
- आज दिवस लेऊँ बलिहारा -रैदास
- आज नां द्यौस नां ल्यौ बलिहारा -रैदास
- इहि तनु ऐसा जैसे घास की टाटी -रैदास
- इहै अंदेसा सोचि जिय मेरे -रैदास
- ऐसा ध्यान धरूँ बनवारी -रैदास
- ऐसी भगति न होइ रे भाई -रैदास
- ऐसी मेरी जाति भिख्यात चमारं -रैदास
- ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै -रैदास
- ऐसे जानि जपो रे जीव -रैदास
- ऐसौ कछु अनभै कहत न आवै -रैदास
- कवन भगितते रहै प्यारो पाहुनो रे -रैदास
- कहा सूते मुगध नर -रैदास
- कहि मन रांम नांम संभारि -रैदास
- कांन्हां हो जगजीवन -रैदास
- किहि बिधि अणसरूं रे -रैदास
- केसवे बिकट माया तोर -रैदास
- कोई सुमार न देखौं -रैदास
- कौंन भगति थैं रहै प्यारे पांहुनौं रे -रैदास
- क्या तू सोवै जणिं दिवांनां -रैदास
- खांलिक सकिसता मैं तेरा -रैदास
- गाइ गाइ अब का कहि गाऊँ -रैदास
- गोबिंदे तुम्हारे से समाधि लागी -रैदास
- गौब्यंदे भौ जल -रैदास
- चमरटा गाँठि न जनई -रैदास
- चलि मन हरि चटसाल पढ़ाऊँ -रैदास
- जग मैं बेद बैद मांनी जें -रैदास
- जन कूँ तारि तारि तारि तारि बाप रमइया -रैदास
- जब रामनाम कहि गावैगा -रैदास
- जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव -रैदास
- जिनि थोथरा पिछोरे कोई -रैदास
- जिह कुल साधु बैसनो होइ -रैदास
- जीवत मुकंदे मरत मुकंदे -रैदास
- जो तुम तोरौ रांम मैं नहीं तोरौं -रैदास
- जो मोहि बेदन का सजि आखूँ -रैदास
- तब राम राम कहि गावैगा -रैदास
- ताथैं पतित नहीं को अपांवन -रैदास
- तुझा देव कवलापती सरणि आयौ -रैदास
- तू जानत मैं किछु नहीं भव खंडन राम -रैदास
- तेरा जन काहे कौं बोलै -रैदास
- त्यू तुम्ह कारन केसवे -रैदास
- त्यूँ तुम्ह कारनि केसवे -रैदास
- त्राहि त्राहि त्रिभवन पति पावन -रैदास
- दरसन दीजै राम दरसन दीजै -रैदास
- देहु कलाली एक पियाला -रैदास
- न बीचारिओ राजा राम को रसु -रैदास
- नरहरि चंचल मति मोरी -रैदास
- नरहरि प्रगटसि -रैदास
- नहीं बिश्रांम लहूँ धरनींधर -रैदास
- पहलै पहरै रैंणि -रैदास
- पांवन जस माधो तोरा -रैदास
- पार गया चाहै सब कोई -रैदास
- प्रभु जी तुम चंदन हम पानी -रैदास
- प्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी -रैदास
- प्रानी किआ मेरा किआ तेरा -रैदास
- प्रीति सधारन आव -रैदास
- बरजि हो बरजि बीठल -रैदास
- भगति ऐसी सुनहु रे भाई -रैदास
- भाई रे भ्रम भगति सुजांनि -रैदास
- भाई रे रांम कहाँ हैं मोहि बतावो -रैदास
- भेष लियो पै भेद न जान्यो -रैदास
- मन मेरे सोई सरूप बिचार -रैदास
- मरम कैसैं पाइबौ रे -रैदास
- माटी को पुतरा कैसे नचतु है -रैदास
- माधवे का कहिये भ्रम ऐसा -रैदास
- माधवे तुम न तोरहु तउ हम नहीं तोरहि -रैदास
- माधौ अविद्या हित कीन्ह -रैदास
- माधौ संगति सरनि तुम्हारी -रैदास
- माया मोहिला कान्ह -रैदास
- मिलत पिआरों प्रान नाथु कवन भगति ते -रैदास
- मेरी प्रीति गोपाल सूँ जिनि घटै हो -रैदास
- मैं का जांनूं देव मैं का जांनू -रैदास
- या रमां एक तूं दांनां -रैदास
- रथ कौ चतुर चलावन हारौ -रैदास
- रांम राइ का कहिये यहु ऐसी -रैदास
- रांमहि पूजा कहाँ चढ़ँऊँ। -रैदास
- राम गुसईआ जीअ के जीवना -रैदास
- राम जन हूँ उंन भगत कहाऊँ -रैदास
- राम बिन संसै गाँठि न छूटै -रैदास
- राम मैं पूजा कहा चढ़ाऊँ -रैदास
- रे चित चेति चेति अचेत काहे -रैदास
- रे मन माछला संसार समंदे -रैदास
- रैदास
- संतौ अनिन भगति -रैदास
- सगल भव के नाइका -रैदास
- सब कछु करत न कहु कछु कैसैं -रैदास
- साध का निंदकु कैसे तरै -रैदास
- सेई मन संमझि -रैदास
- सो कत जानै पीर पराई -रैदास
- हरि को टाँडौ लादे जाइ रे -रैदास
- हरि जपत तेऊ जना पदम कवलास -रैदास
- हरि हरि हरि न जपसि रसना -रैदास
- हरि हरि हरि न जपहि रसना -रैदास
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